अरुणाचल प्रदेश। चीन से सीमा विवाद के बीच के सामने आई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कहा जा रहा है कि चीन सीमा के सटे गांवों के लोग पलायन कर रहें हैं। बताया जा रहा है ऐसे लगभग 50 से अधिक गांवों के लोग हैं जो पलायन कर रहें हैं। पलायन को रोकने के लिए सरकार ने गांवों को चिन्हित कर बुनियादी सुविधाएं पहुंचाने के प्रयास में जुट गई है।
जानकारी के अनुसार चीन सीमा से सटे ऐसे सैकड़ो गांव हैं जहां के लोग अब भी बुनियादी सुविधा जैसे सड़क, पानी, बिजली, स्कूल से वंचित हैं। ऐसे में केंद्र सरकार की ओर से पलायन को रोकने के लिए तमाम तरह के कदम उठाए जा रहें हैं। बताया जाता है कि बहुत ऐसे गांव जो पहाड़ों के उपर बसे हैं, जहां अब तक बिजली जैसी सुविधाओं को नहीं पहुंचाया जा सका है। संचार व्यवस्था नहीं हैं।
कमांडर ने कहा कि सेना ने जिन गांवों को चुना है उन 130 गांवों में से 28 सिक्किम में हैं, बाकी अरुणाचल प्रदेश में हैं। अरुणाचल के काहाे गांव में याेजना का काम शुरू भी हाे चुका है। वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के करीब चीन नागरिक बस्तियों को बढ़ा रहा है। चीन की सीमा से लगे प्रमुख इलाकों में सड़क और दूरसंचार नेटवर्क विकसित करने के लिए काफी काम चल रहा है। केंद्र के अलावा, अरुणाचल सरकार भी आदर्श गांवों का विकास कर रही है।
गैरतलब है कि इसके विपरीत चीन अपने सीमावर्ती इलाके में लगातार तेजी के साथ मुलभूत सुविधाओं का विकास कर रहा हैं। सड़क, ब्रिज व एयरपोर्ट जैसे इंफ्रास्ट्रकर का निर्माण किया जा रहा है। ताकि भविष्य में भारत के किसी भी चुनौती से निपटने में वह सक्षम हो। हाल के कुछ महीनों में भारत के द्वारा भी जरूरी इंफ्रास्ट्रकचर निर्माण पर तेजी से काम किया जा रहा है।