बोले, नारी शक्ति को मिलेगी पोजिशन
इंडिया न्यूज, पुणे:
(Women in NDA) महिलाओं का भारतीय सेना में स्थाई नियुक्ति का 40 साल पुराना संघर्ष आखिरकार रंग लाया। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद नारी शक्ति के लिए राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के बंद दरवाजे खुल गए हैं। अब महिलाएं एनडीए में दाखिले के बाद पुरूषों की तरह ही अधिकारी बन पाएंगी। इस बात पर आर्मी चीफ एमएम नरवणे ने खुशी जाहिर करते हुए कहा है कि कुछ सालों के बाद महिलाओं को वह पद मिलेगा जिसके लिए उन्होंने लंबा संघर्ष किया है। एमएम नरवणे ने एनडीए में महिला कैडेटों के शामिल होने पर खुशी जताते हुए कहा कि यह फैसला सशस्त्र बलों में लैंगिक समानता की दिशा में उठाया गया पहला कदम है।

यह बात सेना प्रमुख ने पुणे में आयोजित एनडीए के 141वें पाठ्यक्रम की पासिंग आउट परेड की समीक्षा के दौरान कहे। अब महिलाओं को एनडीए में ट्रेनिंग दी जाएगी हालांकि इसके लिए हमें बुनियादी ढांंचे में बदलाव करना पड़ेगा। लेकिन प्रशिक्षण का स्तर वही होगा जो पुरूषों के लिए होता है। इस लिए हम आप से आशा करते हैं कि उनका स्वागत उसी प्रकार करेंगे जिसके लिए भारतीय सशस्त्र बल दुनियाभर में जाने जाते हैं।

बता दें कि इसी महीने शीर्ष अदालत ने महिलाओं को स्थाई कमीशन देने के लिए फैसला सुनाया था। हालांकि गत माह में रक्षा मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि महिला उम्मीदवारों को एनडीए में प्रवेश परीक्षा के लिए मई 2022 तक अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के फैसले पर एतराज जातते हुए कहा था कि महिलाओं को इसी साल 14 नवंबर को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय रक्षा अकादमी की प्रवेश परीक्षा में हिस्सा लेने की अनुमति दी जाए।

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