India News(इंडिया न्यूज),Arunachal Issue: भारत और चीन के बीच लगातार चल रहे अरुणाचल प्रदेश को लेकर चल रहे लड़ाई में अब एक नया मोड़ आया है जहां चीन के राष्ट्रपति बींजिग ने सोमवार को एक बार फिर यह दावा किया कि, अरुणाचल प्रदेश “हमेशा” उसका क्षेत्र रहा है, भारत का अरुणाचल प्रदेश पर अवैध कब्जा है। हालांकि भारत ने बीजिंग के दावे को “बेतुका” और “हास्यास्पद” बताकर खारिज कर दिया।
- चीन ने महीने में चौथी बार किया दावा
- भारत ने दी प्रतिक्रिया
चीन के विदेश मंत्रालय का बयान
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने शनिवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर के दावे पर प्रतिक्रिया देते हुए हुए चीन के दावे को दोहराया और अरुणाचल प्रदेश पर चीन के बार-बार के दावों को “हास्यास्पद” बताया और कहा कि, सीमावर्ती राज्य “भारत का स्वाभाविक हिस्सा” था। जिसके बाद लिन ने कहा, “पूर्वी क्षेत्र में ज़ंगनान अरुणाचल प्रदेश का चीनी नाम हमेशा से चीन का क्षेत्र रहा है।” उन्होंने कहा, “भारत के अवैध कब्जे तक” चीन ने हमेशा इस क्षेत्र पर प्रभावी प्रशासनिक अधिकार क्षेत्र का प्रयोग किया था, उन्होंने इसे एक “बुनियादी तथ्य जिसे नकारा नहीं जा सकता” के रूप में दावा किया।
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जयशंकर का बयान
मिली जानकारी के अनुसार, शनिवार को जयशंकर ने एक सवाल के जवाब में कहा था कि, “यह कोई नया मुद्दा नहीं है। मेरा मतलब है कि चीन ने दावा किया है, उसने अपने दावे का विस्तार किया है। दावे शुरू में हास्यास्पद थे और आज भी हास्यास्पद बने हुए हैं।”तो, मुझे लगता है कि हम इस पर बहुत स्पष्ट, बहुत सुसंगत रहे हैं। और मुझे लगता है कि आप जानते हैं कि यह कुछ ऐसा है जो सीमा पर होने वाली चर्चाओं का हिस्सा होगा।
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महीने में चौथी बार चीन का दावा
लिन ने आगे कहा कि, “1987 में, भारत ने भारत के अवैध कब्जे वाले चीन के क्षेत्र पर तथाकथित “अरुणाचल प्रदेश” का गठन किया। चीन ने उसी समय एक बयान जारी कर इसका कड़ा विरोध किया और इस बात पर जोर दिया कि भारत का कदम अवैध और अमान्य था। चीन की स्थिति अपरिवर्तित बनी हुई है। जानकारी के लिए बता दें कि, इस महीने यह चौथी बार है जब चीन ने अरुणाचल पर अपने दावे की बात कही है। बीजिंग ने कहा कि उसने क्षेत्र पर अपना दावा दोहराते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 9 मार्च को राज्य की यात्रा पर भारत के समक्ष राजनयिक विरोध दर्ज कराया है।
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