इंडिया न्यूज, मुंबई:
Aryan Khan Bail News: शाहरूख खान का बेटा आर्यन खान पिछले 2 सप्ताह से आर्थर रोड जेल में बंद है, जिसे कैदी नंबर 956 दिया गया है। आर्यन खान को रेव पार्टी के दौरान पकड़ा गया था। एनसीबी का कहना है कि आर्यन नशे का इस्तेमाल पहले भी करता रहा है। वहीं इसके संबंध नशे का कारोबार करने वालों से भी हैं इस बात के सबूत आर्यन के मोबाइल में व्हाट्सऐप चेट के रूप में मिले हैं। अगर आरोप साबित हो जाते हैं तो खान पुत्र की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। जिसकी जांच नारकोटिक्स ड्रग्स ब्यूरो कर रहा है।
2 अक्टूबर को क्रूज पर चल रही पार्टी के दौरान सैंकड़ो लोग मौजूद थे। लेकिन मात्र 8 ही लोगों को हिरासत में क्यों लिया गया, अन्य को क्यों नहीं। जानकारों के मुताबिक आर्यन की जमानत में कई पेचिदा सवाल हैं जो उसकी मुश्किलें बढ़ा सकते है। जिनमें से सबसे पहला सवाल एनसीबी की अधूरी जांच हो सकती है। क्योंकि शुरू में एजेंसी ने भारी संख्या में मौजूद मस्ती कर रहे लोगों में से केवल दो को ही पकड़ा, इसके बाद 3 फिर करीब 18 लोगों को जिसमें आयोजक भी शामिल हैं को गिरफ्तार कर लिया गया।
दूसरी अड़चन यह है कि सभी के किरदारों की जांच चल रही है और पता लगाया जा रहा है। क्या सभी लोग नशा कारोबार से जुड़े हुए हैं। नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट में ड्रग्स सेवनकर्त्ताओं, छोटे डीलरों, पैसा मुहैया करवाने वाले, अपराध प्रवृति के लोगों के लिए कानून में अलग-अलग सजा का प्रावधान है। जबकि आर्यन के केस में ऐसे लोग भी हैं जो पहली बार शिकंजे में आए हैं। कुछ अपराधिक पृष्ठिभूमि से आते हैं। इन सब का आपस में क्या कनेक्शन जोड़ने में समय लगने की उम्मीद है।
ड्रग्स इंसानियत के लिए बहुत बड़ा खतरा है। जिसकी रोकथाम के लिए 1985 में एनडीपीएस एक्ट बना था। हालांकि कानून के तहत कुछ मामलों में बेल का प्रावधान है, लेकिन अधिकतर को गैर जमानती श्रेणी में रखा गया है। वहीं किसी कारणवश किसी अपराध में चार्जशीट दाखिल नहीं की जा सकी तो 60 से 90 दिनों के अंदर जमानत मिल सकती है।
लेकिन एनडीपीएस की धारा 36ए (4) के तहत 180 दिन और अदालत के आदेश से 1 साल तक चार्जशीट फाइल किए बगैर भी आरोपी को जेल में रखा जा सकता है। हालांकि आर्यन के वकील ने दो दिन में जमानत दिलवाने की बात कही थी, एएसजी ने केन्द्रीय एजेंसी की तरफ से दलील दी तो मामला गंभीर होता चला गया।
अगर आर्यन सामान्य व्यक्ति होता तो शायद जमानत हो भी जाती। लेकिन पिता प्रभावशाली हैं जाहिर है कि सबूतों के साथ छेड़खानी होने का डर जांच एजेंसी को सता रहा है। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि आर्यन खान के बैंक खातों से लेकर व्हाट्सऐप चैट की पुख्ता जानकारी एजेंसी ने क्यों नहीं जुटाई। वहीं सुप्रीम कोर्ट का मानना है ड्रग्स से जुड़े मामले संगीन अपराध की श्रेणी में आते हैं। ऐसे में जमानत मिलना मुश्किल है।
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