India News (इंडिया न्यूज), Kalka Shimla Toy Train: रेल, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कालका-शिमला रेलवे का एक वीडियो अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर शेयर की है। ट्रेन शिमला के बर्फीली वादियों से गुजरती नजर आ रही। इन दिनों हिमाचल प्रदेश के शिमला में बर्फबारी हो रही, जिसका नजारा देखते ही बन रहा। ऐसे में कालका-शिमला रेल पर्यटकों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र है। यह ट्रेन शिमला के कई खूबसूरत वादियों और रास्ते से होकर गुजरती है। आइये जानते हैं कि इस रेल का इतिहास और इसकी प्रमुख विषेशताओं के बारे में…

कालका-शिमला रेल का इतिहास:

कालका शिमला रेलवे का निर्माण ब्रिटिश शासन के दौरान 1847 में किया गया था। ब्रिटिश सरकार ने अपने गर्मियों के प्रवास के लिए इसका निर्माण करवाया था। उन दिनों शिमला ब्रिटिश हुकूमत की ग्रीष्मकालीन राजधानी हुआ करती थी। यह पूरा रेलवे ट्रैक 96 किलोमीटर लंबा है। इसे “कालका शिमला टॉय ट्रेन लाइन” नाम से भी जाना जाता है। इसे साल 1903 में उत्तरी मैदान से शिमला को जोड़ा गया। उस समय यह रेल बेहद छोटी (17 फिट) और इसमें केवल 4 पहिए थे।

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क्या हैं इसकी विशेषताएं?

  • कालका शिमला रूट को साल 2008 में विश्व धरोहर घोषित किया गया।
  • पूरा रूट 96 किलोमीटर लंबा है।
  • यह जिस रास्ते से होकर गुजरती है उसमें 103 टनल, 800 ब्रिज और 900 घुमावदार मोड़ों से होकर गुजरती है। जिसकी वजह से इससे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी इसका नाम दर्ज है।
  • निर्माण के समय यह दुनिया के सबसे ऊंचे कनोह मल्टी-आर्क गैलरी ब्रिज और सबसे लंबी सुरंग कनोह से होकर गुजरती थी। कालका शिमला रेलवे ट्रैक शानदार इंजीनियरिंग कौशल का प्रमाण है।
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