India News(इंडिया न्यूज),Assam: कल संसद में अविश्वास प्रस्ताव को लेकर दोनो पक्षों में जमकर हंगामा देखने को मिला। जिसके बाद विपक्ष पर हमला बोलत हुए असम (Assam) के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि, पूर्वोत्तर में कांग्रेस के हाथ खून से रंगे हैं। पिछले 75 वर्षों में कांग्रेस के किसी भी प्रधानमंत्री ने इस क्षेत्र का कोई समाधान नहीं किया। जानकारी के लिए बता दें कि, संसद में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान कांग्रेस को जवाब देने के लिए गुवाहाटी में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए बिस्वा सरमा ने कहा कि, क्षेत्र में संकट सबसे पुरानी पार्टी की दोषपूर्ण नीतियों के कारण है। कांग्रेस को विश्लेषण करना चाहिए कि उसकी गलत नीतियों के कारण मणिपुर क्यों जल रहा है।
- जातिय दंगों में 160 से अधिक लोगों की गई जान
पूर्वोत्तर में दुखद स्थिति पैदा कर दी है। मणिपुर में पिछले तीन महीनों से जारी जातीय दंगों में 160 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। इसके साथ हीं मुख्यमंत्री हिमंत ने कहा कि, कांग्रेस ने पूरे पूर्वोत्तर में यह दुखद स्थिति पैदा की। समुदायों ने रातोंरात लड़ाई शुरू नहीं की। हलाकि, असम के मुख्यमंत्री और पूर्वोत्तर लोकतांत्रिक गठबंधन के संयोजक हिमंत सरमा ने 2017 में मणिपुर विधानसभा चुनाव से पहले कुकी उग्रवादी संगठन के साथ कथित तौर पर सौदे से इनकार किया है।
आरोपो का किया खंडन (Assam)
कुकी संगठनों के मदद लेने वाले आरोप का खंडन करते हुए सीएम हिमंत ने कहा, मैं इन आरोपों को खारिज करता हूं। हमने 2018 में भी इन आरोपों का खंडन किया था। विशेष रूप से, एसओओ के तहत कुकी संगठनों में से एक के नेता की ओर से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लिखे एक पत्र में दावा किया गया था कि 2017 विधानसभा चुनाव में दो भाजपा नेताओं, असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा और राम माधव ने भाजपा की जीत सुनिश्चित करने के लिए कुकी संगठनों की मदद ली थी। आपको याद हो कि, भाजपा 2017 में पहली बार मणिपुर में सत्ता में आई थी।
नगा समुदाय की आज निकलेगी रैली
जानकारी के लिए बता दें कि, मणिपुर में फ्रेमवर्क समझौते के तहत सफलता के साथ शांति वार्ता संपन्न कराने के लिए दबाव बढ़ाने के उद्देश्य से नगा समुदाय बुधवार को एक रैली निकालने वाला है। जिसे देखते हुए पूर्ण रूप से सुरक्षा के इंतजाम किए गए है। बता दें कि, यूनाइटेड नगा काउंसिल के मुताबिक, बुधवार सुबह 10 बजे से तामेंगलांग, सेनापति, उखरूल और चंदेल जिलों के जिला मुख्यालयों में रैलियां निकाली जाएंगी।
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