Atique-Ashraf Murder: माफिया डॉन अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को रविवार (16 अप्रैल) को कब्र में दफना दिया गया है। पुलिस कस्टडी में हुई दोनों की हत्या के बाद से देश में सियासी बवाल मच गया है। इस बीच मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। एडवोकेट विशाल तिवारी ने इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है।  इसमें उन्होनें मांग की है कि 2017 से अब तक यूपी में जितने भी एनकाउंटर हुए हैं उसकी एक्सपर्ट कमेटी से जांच कराई जाए।

सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हो एनकाउंटर की जांच

तिवारी ने अपनी याचिका में मांग की है कि 2017 से अब तक यूपी में जितने भी एनकाउंटर हुए हैं उसकी एक्सपर्ट कमेटी से जांच कराई जाए। उन्होनें कहा कि सुप्रीम कोर्ट के किसी रिटायर्ट जज की निगरानी में ही इसकी जांच कराई जाए। बता दें 2017 से अब तक 183 एनकाउंटर हो चुके हैं और अब इन सभी की जांच की जाएगी।

जानें कैसे हुई दोनों भाईयों की हत्या

बता दें शनिवार (15 अप्रैल) रात करीब 10:30 बजे अतीक और उसके भाई अशरफ को पुलिस रूटीन चेकअप के लिए अस्पताल लेकर जा रही थी, तब वे एक जगह मीडिया से बात करने के लिए रुके थे। तभी मीडियाकर्मी के वेश में आए तीन लोगों ने उन्हें गोली मार दी। पुलिस ने मौके पर ही आरोपियों को दबोज लिया।

पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ दर्ज किया केस

आरोपियों की पहचान लवलेश तिवारी, सनी और अरुण मौर्य के रूप में हुई है। मुख्य आरोप लवलेश तिवारी है जोकि यूपी के बांदा जिले का रहने वाला है। दूसरा शूटर शनि हमीरपुर का रहने वाला था और तीसरा अरुण मौर्या कासगंज का रहने वाला है। फिलहाल तीनों पुलिस हिरासत में है और सब के खिलाफ शाहगंज थाने में एफआईआर दर्ज है। तीनों के खिलाफ आईपीसी की धाराओं 302 (हत्या) और 307 (हत्या के प्रयास) के अलावा आयुध अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है।

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