India News (इंडिया न्यूज), Atishi Marlena Profile: आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने अपनी घोषणा के मुताबिक मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। तो वहीं दूसरी तरफ आप विधायक दल की बैठक में अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद के लिए आतिशी के नाम का प्रस्ताव रखा है। आतिशी के नाम की घोषणा अब जल्द ही होगी। विधायक दल की बैठक से पहले मंगलवार ( 17 सितंबर, 2024) को अरविंद केजरीवाल ने अपने आवास पर पीएसी की बैठक बुलाई । करीब एक घंटे तक चली बैठक में पीएसी के सभी सदस्य और मौजूदा कैबिनेट मंत्री उपस्थित रहे। बैठक में मौजूद एक-एक नेता से केजरीवाल ने दिल्ली के नए मुख्यमंत्री को लेकर चर्चा की और उनका फीडबैक लिया गया है। 

कौन हैं आतिशी?

आतिशी के पिता दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर विजय कुमार सिंह और उनकी माता का नाम त्रिप्ता वाही है। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा नई दिल्ली के स्प्रिंगडेल स्कूल से की थी। उन्होंने सेंट स्टीफंस कॉलेज से इतिहास विषय में ग्रेजुएशन और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में शेवनिंग छात्रवृत्ति पर मास्टर की डिग्री हासिल की है। कुछ साल बाद उन्होंने शैक्षिक अनुसंधान में रोड्स स्कॉलर के रूप में ऑक्सफोर्ड से अपनी दूसरी मास्टर डिग्री हासिल की है। 

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2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में मिली जीत

आतिशी को 2019 के लोकसभा चुनाव में पूर्वी दिल्ली से पार्टी का उम्मीदवार बनाया गया था। वह बीजेपी के प्रत्याशी गौतम गंभीर से 4.77 लाख मतों से हार गईं थीं। साल 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में उन्होंने आम आदमी पार्टी के टिकट पर कालकाजी क्षेत्र से चुनाव जीता और बीजेपी प्रत्याशी को 11 हजार से अधिक वोटों से शिकस्त दी। पार्टी में आतिशी के बढ़ते सियासी कद का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 2020 के चुनाव के बाद उन्हें आम आदमी पार्टी की गोवा इकाई का प्रभारी बनाया गया और अब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से उन्हें अपने सबसे भरोसेमंद सिपहसालार की जगह दी है। 

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इन पांच कारणों से मिली ये जिम्मेदारी

अरविंद केजरीवाल ने आतिशी को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला यूहीं नहीं लिया है, बल्कि इनकी 5 कारण रहीं है। इनमें से पहला ये है कि ये आम आदमी पार्टी की स्थापना से ही पार्टी से जुड़ी थी। इसका दूसरा रीजन ये रहा कि आतिशी ने 2013 के विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी की घोषणापत्र मसौदा समिति की प्रमुख सदस्य थी। वहीं अगर तीसरे कारण की बात करें तो उन्होंने पार्टी के शुरूआती दौर में इसकी नीतियों को बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। इसका चौथा कारण ये रहा कि उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में बहुत ही बेहतरीन काम किया था। जब वो दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के सलाहकार के तौर पर काम की थी। इसके अलावा पांचवा और आखिरी रीजन ये रहा कि वो पार्टी और अरविंद केजरीवाल की सबसे भरोसेमंद सिपहसालार थी।

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