India News (इंडिया न्यूज), Attacks On Hindu festivals : प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ इस वक्त देश के अलावा विदेशों में भी जमकर ट्रेंड कर रहा है। पूरा विश्व भारत की क्षमता और इसके सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर को लेकर चकित है। विदेशी यही नहीं समझ पा रहे हैं कि पूरे ऑस्ट्रेलिया की आबादी से भी एक करोड़ ज्यादा श्रद्धालुओं ने प्रयागराज के त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगा ली है ये लगाने वाले हैं। लेकिन वहीं दूसरी तरफ कुछ ऐसे भी लोग हैं जो पवित्र महाकुंभ का विरोध कर रहे हैं। अच्छे से चल रहा महाकुंभ इनकी नजरों में खटक रहा है। विरोध करने वाले लोग जब महाकुंभ का कुछ नहीं बिगाड़ पा रहे हैं। तो वो श्रद्धालुओं को अपना निशाना बना रहे हैं।
आपको याद होगा कि कुछ दिन पहले 12 जनवरी, 2025 को ट्रेन महाराष्ट्र के जलगांव से निकली ही थी कि दिन-दहाड़े एसी कोच के शीशों पर पत्थरों की बारिश शुरू कर दी गई। इस हमले में बाल-बाल बचे तीर्थयात्रियों का आरोप है कि हमलावरों को पता था कि पूरी ट्रेन कुंभ में स्नान के लिए जा रहे यात्रियों से भरी हुई है।
हिंदूओं और उनके आयोजनों पर हुए हमलें
गोधरा कांड
भारत के इतिहास में गोधरा कांड को काले अक्षरों में लिखा जाएगा। गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस से अयोध्या से लौट रहे 59 कारसेवकों को ट्रेन में आग लगाकर जिंदा जला दिया गया था। मुस्लिम कट्टरपंथियों ने ट्रेन को कोच में अंदर से आग लगा दी थी, जिससे अयोध्या से लौट रहे 59 कारसेवक जिंदा जल गए थे। कोई भी कारसेवक जिंदा न बचने पाए इसके लिए जिहादियों ने आग लगाने से पहले ट्रेन के कोच के सभी दरवाजे बाहर से बंद कर दिए थे।
रामगोपाल की बेरहमी से हत्या
पिछले साल अक्टूबर में यूपी के बहराइच में 22 साल के हिंदू युवक को गोलियों से छलनी कर दिया गया था। उसकी गलती सिर्फ इतनी सी थी की वह एक धार्मिक जुलूस में शामिल था और उसपर कथित रूप से उस जुलूस को निशाना बनाने वाले उपद्रवियों से जुड़ी एक इमारत पर हरे रंग के झंडे की जगह भगवा ध्वज लहराने का आरोप लगाया गया था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रामगोपाल के साथ मुस्लिम समुदाय के आरोपियों ने दरिंदगी की इंतेहा कर दी और उसके नाखून तक खींच लिए गए थे।
हरियाणा के नूंह में हिंसा
2023 के अगस्त महीने में हरियाणा के नूंह में हरियाणा के नूंह में निकलने वाली ब्रजमंडल यात्रा के दौरान हिंदूओं पर हमला किया गया था। जिसके बाद सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई। धार्मिक यात्रा का आयोजन विश्व हिंदू परिषद की ओर से किया गया था। पिछले साल हिंदू आयोजनों पर लगातार
बीते वर्षों में देश के कई हिस्सों में इसी तरह से रामनवमी, हनुमान जयंती और दुर्गा प्रतिमा और सरस्वती प्रतिमा के विसर्जन के दौरान धार्मिक जुलूस पर पत्थरबाजी की कई घटनाएं सामने आई हैं,जिसके चलते सांप्रदायिक तनाव पैदा हुए हैं।