India News (इंडिया न्यूज), Who Is Family Judge Rita Kaushik: बेंगलुरु के सॉफ्टवेयर इंजीनियर अतुल सुभाष के सुसाइड केस ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। जिन्होंने अपने 24 पन्नों के सुसाइड नोट (अतुल सुभाष सुसाइड नोट) में अपनी पत्नी और ससुराल पक्ष के तीन अन्य लोगों पर कानून का दुरुपयोग कर उन्हें परेशान करने का आरोप लगाया है। आत्महत्या से पहले अपने करीब 84 मिनट के वीडियो में उन्होंने जौनपुर फैमिली कोर्ट की जज रीता कौशिक का भी जिक्र किया और उन पर गंभीर आरोप लगाए। दरअसल, इंजीनियर अतुल सुभाष ने अपने सुसाइड नोट और वीडियो में जौनपुर फैमिली कोर्ट की जज रीता कौशिक का कई बार जिक्र किया और उन पर गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें भ्रष्ट तक कह दिया।
आत्महत्या से पहले बनाए गए अपने वीडियो में अतुल सुभाष ने जज रीता कौशिक पर केस निपटाने के लिए उनसे 5 लाख रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप लगाया। अतुल ने यह भी कहा कि जज रीता कौशिक की कोर्ट में पेश होने के लिए चपरासी को रिश्वत देनी पड़ती है, जो 50 रुपये से लेकर 1000 रुपये तक होती है। इसके अलावा अतुल सुभाष ने यह भी आरोप लगाया है कि, इससे पहले साल 2022 में जज रीता कौशिक ने अपने चपरासी के जरिए उनसे तीन लाख रुपये मांगे थे और केस को निपटाने का प्रस्ताव दिलवाया था।
अतुल सुभाष ने अपने वीडियो में कहा कि, जब रिश्वत नहीं दी गई तो कोर्ट ने उनके खिलाफ गुजारा भत्ता और भरण-पोषण का आदेश जारी कर दिया। इसके चलते उन्हें हर महीने पत्नी को 80 हजार रुपये देने का फैसला सुनाया गया। अतुल ने अपने वीडियो में कहा कि जज रीता कौशिक ने उनकी दलीलें तक नहीं सुनीं।
मानवाधिकार कार्यकर्ता नदीम खान को दिल्ली HC ने इस मामले में दिया प्रोटेक्शन, जानें क्या है मामला
अगर हम जज रीता कौशिक की बात करें तो वह वर्तमान में जौनपुर में प्रिंसिपल फैमिली कोर्ट जज हैं। उनका जन्म 1 जुलाई 1968 को मुजफ्फरनगर में हुआ था। 20 मार्च 1996 को वे मुंसिफ बनीं। इसके बाद 1999 में सहारनपुर में न्यायिक मजिस्ट्रेट रहीं। 2000-2002 तक जज रीता कौशिक मथुरा में एडिशनल सिविल जज के पद पर कार्यरत रहीं। इसके बाद वे मथुरा में ही सिविल जज बन गईं। 2003 में उनका तबादला अमरोहा हो गया, जहां वे जूनियर सिविल जज के पद पर तैनात रहीं। इसके अलावा 2003 से 2004 तक वे लखनऊ में स्पेशल सीजेएम रहीं।
Look Back 2024: इस साल किस-किस सेलेब्रिटी की हाथो चढ़ी हथकड़ी? लगे कौन-कौन से चार्जिस
2022 में उनका तबादला जौनपुर हो गया। 2004 में उनका प्रमोशन हुआ। वे एडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट बनीं। वे अयोध्या में जिला एवं सत्र न्यायाधीश भी रहीं और 2018 में अयोध्या में ही फैमिली कोर्ट की प्रिंसिपल जज बनीं। वह 2022 तक अयोध्या में तैनात रहीं। इसके बाद उनका तबादला जौनपुर हो गया। तब से वह यहां फैमिली कोर्ट में प्रिंसिपल जज के पद पर कार्यरत हैं।
Today Rashifal of 12 January 2025: इस 1 राशि को मिलेगी कल बड़ी ख़ुशी तो…
India News (इंडिया न्यूज़)Roorkee News: लक्सर कोतवाली क्षेत्र के अकौढा खुर्द गांव में शनिवार को…
India News (इंडिया न्यूज़) Rajasthan News: नया साल 2025 डाक सेवाओं के लिए बदलावों का…
India News (इंडिया न्यूज़) Bihar News: वैशाली जिले के शहरी विकास कोऑपरेटिव बैंक में 100…
India News (इंडिया न्यूज़) Bihar News: जिले के गिद्धौर के गुगुलडीह इलाके में ऐसा मामला…
भारतीय खेलों के लिए एक ऐतिहासिक क्षण में, दो बार के ओलंपिक पदक विजेता नीरज…