India News (इंडिया न्यूज),Pradhan Mantri Awas Yojana: उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में अजीतमल ब्लॉक प्रमुख और भाजपा नेता अवनीश पांडेय का बड़ा कारनामा सामने आया है। उन्होंने ब्लॉक प्रमुख रहते हुए न सिर्फ अपनी बीडीसी सदस्य पत्नी को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिलाया, बल्कि इस धनराशि से मकान बनवाने की बजाय क्षेत्र में हो रहे विकास कार्यों की फोटो वेबसाइट पर अपलोड कर दी। अब मामला उजागर होने के बाद ब्लॉक प्रमुख ने इस योजना के तहत मिली धनराशि वापस करने की बात कही है।
उधर, मामले को तूल पकड़ता देख जिला प्रशासन ने भी जांच के आदेश दे दिए हैं। औरैया नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी और डूडा के परियोजना अधिकारी राम आसरे कमल के मुताबिक ब्लॉक प्रमुख अवनीश पांडेय की पत्नी संध्या सेऊपुर गांव से बीडीसी सदस्य हैं। उन्होंने वर्ष 2019 में नगर पंचायत बाबरपुर-अजीतमल में प्रधानमंत्री आवास के लिए आवेदन किया था। चूंकि उनके पास गरीबी रेखा से नीचे का आय प्रमाण पत्र था, इसलिए उन्हें इस योजना के लिए पात्र मानते हुए प्रधानमंत्री आवास योजना की पहली किस्त 50 हजार रुपये और दूसरी किस्त डेढ़ लाख रुपये जारी कर दी गई है।
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ब्लॉक प्रमुख वापस करेंगे योजना का पैसा
उन्होंने बताया कि मामले में अनियमितता की शिकायत के बाद अब मूल फाइल की जांच की जा रही है। संध्या पांडेय का आवेदन पत्र एसडीएम और तहसीलदार स्तर पर जांच के बाद उनके कार्यालय में आया था। इसके बाद ही यहां से डीपीआर तैयार कर शासन को भेजा गया और योजना की दो किस्तें उनके खाते में जमा कर दी गई हैं। उधर, मामले को तूल पकड़ता देख ब्लॉक प्रमुख अवनीश पांडेय ने सफाई दी है। उन्होंने कहा कि जब उनकी पत्नी ने इस योजना के लिए आवेदन किया था, उस समय न तो वह बीडीसी सदस्य थीं और न ही वह खुद ब्लॉक प्रमुख थे। इसके बावजूद बड़ा सवाल यह है कि उनका गरीबी रेखा से नीचे का आय प्रमाण पत्र कैसे बन गया।
प्रशासन ने दिए जांच के आदेश
अधिकारियों के मुताबिक योजना की दोनों किस्तें मिलने के बाद ब्लॉक प्रमुख की पत्नी ने उसे निकालकर किसी दूसरे काम में लगा दिया है। वहीं, काम की प्रगति दिखाने के लिए उनके द्वारा क्षेत्र में कराए जा रहे विकास कार्यों की फोटो अपलोड की गई हैं। आरोप है कि तहसील स्तर के अधिकारियों की मिलीभगत से यह काम किया गया है। हालांकि अब जब मामला सुर्खियों में आ गया है तो जिला प्रशासन ने कहा है कि वह पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराएगा और इस अनियमितता के लिए जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करेगा।