India News (इंडिया न्यूज), Avimukteshwaranand Saraswati on Article 370: देश में फिर से आर्टिकल 370 को लेकर बहस शुरू हो गई है। दरअसल, जम्मू-कश्मीर विधानसभा में अनुच्छेद 370 की बहाली को लेकर पेश किए गए बिल पर भारी हंगामा हो रहा है। इस बीच शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने गुरुवार (8 नवंबर) को जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 की बहाली की मांग की है। उन्होंने कहा कि जब अनुच्छेद 370 लागू था, तब कश्मीर में रणबीर दंड संहिता लागू थी। इसके तहत गोहत्या प्रतिबंधित थी। इसलिए जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 जरूरी है। बता दें कि, शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने फिर से जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 की बहाली की मांग की है। उन्होंने यह भी वजह बताई कि जम्मू-कश्मीर में 370 की बहाली क्यों जरूरी है। उन्होंने कहा कि हम गोभक्त हैं। इसलिए हम कश्मीर में अनुच्छेद 370 की बहाली चाहते हैं।

अनुच्छेद 370 की बहाली का शंकराचार्य ने बताया कारण

बता दें कि, शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि रणबीर दंड संहिता के तहत गोहत्या, गोहत्या के लिए उकसाना, गोमांस रखना और गोमांस का व्यापार करने पर मृत्युदंड का प्रावधान था। कश्मीर में जब अनुच्छेद 370 लागू था, तब वहां गोहत्या नहीं होती थी। अनुच्छेद 370 हटने के बाद वहां खुलेआम गोहत्या होने लगी है। उन्होंने आगे कहा कि जब अनुच्छेद 370 हटाना ही था, तो इसे देखते हुए हटाना चाहिए था।

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भारत पहले से हिन्दू राष्ट्र- स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद

शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि अनुच्छेद 370 को लेकर राजनीतिक बातें अलग हैं, लेकिन जो बातें हमारे पक्ष में थीं, उन्हें हमें हटाना चाहिए था। अनुच्छेद 370 हटाकर वहां के मुसलमानों को गोहत्या का अधिकार दे दिया गया है। उन्होंने आगे कहा कि अब जम्मू-कश्मीर में गोहत्या पर कोई सजा नहीं है। हम चाहते हैं कि वहां फिर से अनुच्छेद 370 लागू हो। कम से कम हमारी गाय माता तो बचेगी। शंकराचार्य ने कहा कि हमने संविधान का अध्ययन किया है। संविधान धर्मनिरपेक्ष नहीं है, भारत का संविधान अभी भी धर्मनिरपेक्ष है। नेताओं ने इस बारे में गलत धारणा फैलाई है। शंकराचार्य ने कहा कि भारत पहले से ही हिंदू राष्ट्र है।

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