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‘भारतीयों हिंदुओं के साथ विश्वासघात’, तिरुपति लड्डू विवाद पर ये क्या बोल गए शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती?

India News (इंडिया न्यूज), Avimukteshwaranand Saraswati On Tirupati: आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मदिर के लड्डू प्रसादम को लेकर उठे विवाद के बीच उत्तराखंड के ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने मंगलवार (25 सितंबर) को कहा कि यह घटना हिंदू भावनाओं पर हमला है। उन्होंने इसमें शामिल सभी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने पीटीआई-वीडियो सेवा से कहा कि यह घटना हिंदू भावनाओं पर हमला है। यह करोड़ों हिंदुओं की आस्था पर हमला है। यह संगठित अपराध का हिस्सा है। उन्होंने आगे कहा कि यह हिंदू समुदाय के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है।इसकी गहन जांच होनी चाहिए और इसमें शामिल सभी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।

भारतीयों के मुंह में ठूंस दिया गया…- शंकराचार्य

शंकराचार्य ने कहा कि इसे विवाद कहना ठीक नहीं है, यह उससे कहीं ज्यादा है। 1857 के विद्रोह के दौरान एक मंगल पांडे ने चर्बी वाले कारतूस को मुंह से खोलने से इनकार कर दिया था, जिससे देश में क्रांति हुई। लेकिन आज इसे करोड़ों भारतीयों के मुंह में ठूंस दिया गया है, यह कोई छोटी बात नहीं है। इस मामले की जांच में देरी नहीं होनी चाहिए। देशव्यापी गौ रक्षा यात्रा के तहत पटना पहुंचे अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि हम हिंदू इस घटना को कभी नहीं भूल सकते। उन्होंने आगे कहा कि हम चाहते हैं कि पूरे देश में गोहत्या पर रोक लगे और इसे रोकने के लिए सख्त कानून बने। यह काफी परेशान करने वाली बात है कि देश में गोमांस का निर्यात दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। केंद्र सरकार को इस संबंध में सक्रिय कदम उठाने चाहिए।

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पीएम मोदी सरकारी आवास पर गायों के साथ खेलते हैं

ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने सरकारी आवास पर गायों के साथ खेलते हैं और मोरों को दाना खिलाते हैं। वहीं दूसरी तरफ देश में गोमांस का निर्यात बढ़ रहा है, यह बहुत ही चौंकाने वाला और परेशान करने वाला है। विपक्षी दलों द्वारा देश में जाति आधारित जनगणना कराने की मांग पर उन्होंने कहा कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है। इस मामले का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए। जाति आधारित जनगणना जरूर होनी चाहिए ताकि सरकार समाज के कमजोर वर्गों की बेहतरी के लिए कदम उठा सके।

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Raunak Pandey

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