India News (इंडिया न्यूज), Ayodhya Ram Mandir : अयोध्या राम मंदिर में श्रीराम रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से परिसर में भक्तों की भीड़ बढ़ती जा रही है। मंदिर में भीड़ को नियंत्रित रखने के लिए ट्रस्ट ने नए नियम बना दिए हैं। जिनमें से कुछ पुजारियों के लिए और कुछ भक्तों के लिए भी हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ट्रस्ट के आदेशों का पालन शुरू कर दिया है। नए नियम रामलला की मूर्ति को छूने लेकर तिलक लगाने और पुराजियों के दक्षिणा लेने पर लागू किए गए हैं।

  • राम मंदिर ट्रस्ट ने बनाए नए नियम
  • भक्तों को नहीं लगेगा तिलक और नहीं मिलेगा चरणामृत
  • पुरारियों के लिए बनाए गए नियम

मंदिर में कई भक्त रामलला की मूर्ति स्पर्श कर रहे थे। इसके साथ ही वीआईपी दर्शन करने वाले भक्तों को भगवान के नजदीक से तो दर्शन होते ही थे लेकिन इसके साथ ही पुजारी उन्हें चंदन तिलक लगाते थे और चरणमृत भी देते थे। वीआईपी दर्शन के बाद रामभक्त, पुजारियों को कुछ दान दक्षिणा देकर ही जाते थे लेकिन अब ट्रस्ट ने इस पर रोक लगा दी है। यानी अब गर्भगृह के पुजारी, दर्शन करने आए भक्तों के माथे पर चंदन तिलक नहीं लगाएंगे और न ही उन्हें चरणामृत देंगे और दक्षिणा भी नहीं लेंगे।

ट्रस्ट ने गाइडलाइन्स जारी करते हुए कहा है कि रामभक्तों से मिलने वाली दक्षिणा, पुजारियों को दान पेटियों में ही डालनी होगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अयोध्या राम मंदिर के सिर्फ गर्भगृह में ही करीब 12 पुजारी हैं। जिनमें 5 पुजारी पुराने और 21 नए सहायक अर्चक हैं। पुराने पुजारी की सैलरी हर माह 35 हजार रुपए है और सहायक अर्चकों की सैलरी 33 हजार रुपए है.