India News (इंडिया न्यूज), Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होनी है। जिसकी तैयारी काफी तेजी से की जा रही है। इस मौके पर आने के लिए प्रतिष्ठित संतों और साधुओं को न्योता भेजा गया है। इस मंदिर का उद्घाटन काफी भव्य तरीके से की जाने की तैयारी है। इस मौके पर देश के कई जाने माने हस्ती भी शामिल होंगे।

  • राजस्थान के मकराना संगमरमर का इस्तेमाल
  • मध्य प्रदेश के मंडला के रंगीन संगमरमर का भी उपयोग

मुख्य मंदिर की संरचना में इसका इस्तेमाल

बता दें कि राम मंदिर के निमार्ण के लिए देश के अलग-अलग राज्यों के विशेष चीजों का उपयोग किया गया है। इस मंदरी के निमार्ण में राजस्थान के मकराना संगमरमर और गुलाबी बलुआ पत्थर, तमिलनाडु और तेलंगाना के ग्रेनाइट पत्थर और मध्य प्रदेश के मंडला के रंगीन संगमरमर का इस्तेमाल किया गया है।

सूत्रों से मिली जानाकारी के मुताबिक मुख्य मंदिर की संरचना में राजस्थान के भरतपुर जिले से 4.7 लाख घन फीट गुलाबी बलुआ पत्थर लिया गया है। चबूतरे में 17,000 ग्रेनाइट पत्थर और जड़ाई कार्य के लिए सफेद मकराना समेत रंगीन संगमरमर का उपयोग किया गया है। इसके अलावा महाराष्ट्र के बलारशाह और अल्लापल्ली वन क्षेत्रों से खरीदी गई सागौन की लकड़ी का भी इस्तेमाल किया गया है। जिससे मंदिर के 44 दरवाजे बनाए गए हैं।

ट्रस्ट सचिव ने दी जानकारी

ट्रस्ट के सचिव चंपत राय ने जानकारी देते हुए बताया कि ”मंदिर उत्तरी हिस्से में बनाया जा रहा है। अगर आप सवाल करते हैं कि मंदिर इतनी छोटी जगह (उत्तरी क्षेत्र) में क्यों बनाया जा रहा है, न कि उत्तरी हिस्से में दक्षिणी क्षेत्र तो उत्तर होगा कि पिछले 70 वर्षों से अदालत में मुकदमेबाजी में कहा गया है कि यह आवंटित भूखंड संख्या है।

इसमें 3 मंजिलें होंगी और भूतल का निर्माण पहले ही पूरा हो चुका है।” उन्होंने बताया कि मंदिर परिसर में अपना सीवेज और जल उपचार संयंत्र, अग्निशमन सेवाएं और एक स्वतंत्र बिजली स्टेशन बनाया जाएगा। मंदिर परिसर अपने तरीके से “आत्मनिर्भर” होगा। अयोध्या नगर निकाय के सीवेज या जल निकासी प्रणाली पर कोई बोझ नहीं पड़ेगा। इसके लिए देश भर के वैज्ञानिक काम कर रहे हैं।

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