India News (इंडिया न्यूज), Bahraich Violence: बहराइच हिंसा को लेकर योगी सरकार पुरे एक्शन में दिख रही है। इस बीच बहराइच हिंसा के आरोपियों के मकान ढहाने के लिए नोटिस जारी करने का मामला अब मानवाधिकार आयोग पहुंच गया है। इस मामले में देर रात राष्ट्रीय और उत्तर प्रदेश मानवाधिकार आयोग ने शिकायत दर्ज कर ली है। उम्मीद है कि अगले चौबीस घंटे में मानवाधिकार आयोग इस मामले में हस्तक्षेप कर सकता है। बता दें कि, इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता और सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. गजेंद्र सिंह यादव ने राष्ट्रीय और राज्य मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज कराई है और इस मामले में हस्तक्षेप की गुहार लगाई है। अगर आयोग इस मामले में हस्तक्षेप करता है तो बुलडोजर की कार्रवाई रुक सकती है।
बता दें कि, इस शिकायत में मकान ढहाने के नोटिस को संविधान में दिए गए मौलिक अधिकारों और मानवाधिकारों का उल्लंघन बताया गया है। वहीं मकान बनवाने के लिए जिम्मेदार तहसीलदार-एसडीएम और डीएम के खिलाफ कार्रवाई की अपील की गई है। इस शिकायत में कहा गया है कि पूरे कस्बे में अवैध निर्माण हुआ है। लेकिन नोटिस सिर्फ हिंसा वाली जगह पर आरोपियों के मकानों पर चिपकाए गए और बिना किसी सुनवाई या जांच के आरोपियों को दंगाई या अपराधी मानकर उनके खिलाफ कार्रवाई करना मानवाधिकारों पर सीधा हमला है। इसके साथ ही यह प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का भी उल्लंघन है।
बता दें कि, शिकायत में कहा गया है कि इस तरह का मनमाना फैसला संविधान में दिए गए मौलिक अधिकारों और मानवाधिकारों का सीधा उल्लंघन है। हाईकोर्ट के अधिवक्ता डॉ. गजेंद्र सिंह यादव की शिकायत में कहा गया है कि जिस स्थान पर हिंसा हुई। वहां के लोगों को आरोपी या दंगाई मानना कतई उचित नहीं है, क्योंकि ऐसे मामलों में आमतौर पर बाहरी लोग कानून को अपने हाथ में लेकर उपद्रव मचाते हैं। इसके अलावा जब तक आरोपियों पर दोष सिद्ध न हो जाए या घर का अतिक्रमण हटाने के संबंध में निर्धारित प्रक्रिया का पूरी तरह पालन न किया जाए। तब तक किसी भी घर को नहीं तोड़ा जाना चाहिए। नोटिस चिपकाने और घर को गिराने के मामले में किसी भी तरह का भेदभाव नहीं होना चाहिए।
दरअसल, राष्ट्रीय और उत्तर प्रदेश मानवाधिकार आयोग से इस मामले में हस्तक्षेप कर घर गिराने की कार्रवाई पर तत्काल रोक लगाने की मांग की गई है। इसमें कहा गया है कि जो भी कार्रवाई की जाए, पूरी प्रक्रिया का पालन करते हुए की जाए और साथ ही इसमें किसी भी तरह का भेदभाव नहीं होना चाहिए। वहीं बहराइच की घटना में खुलेआम भेदभाव किया जा रहा है। शिकायत दर्ज कराने वाले अधिवक्ता डॉ. गजेंद्र सिंह यादव ने पुलिस मुठभेड़ और हिरासत में मौत से जुड़े मामलों में पीएचडी की है। गजेंद्र सिंह यादव की इस शिकायत पर मानवाधिकार आयोग सोमवार को हस्तक्षेप कर सकता है।
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