India News (इंडिया न्यूज), Bangladesh Floods: पूर्वोत्तर बांग्लादेश में मानसून की बारिश और भारत से आने वाली नदी के पानी ने व्यापक बाढ़ ला दी है। अधिकारियों ने शुक्रवार (21 जून) को कहा किइस वजह से 20 लाख से ज़्यादा लोग फंस गए हैं और स्थिति और भी खराब हो सकती है। वहीं यूनिसेफ ने कहा कि इस क्षेत्र में फंसे हुए निवासियों में 772,000 से ज़्यादा बच्चे शामिल हैं, जिनको तत्काल सहायता की ज़रूरत है। बांग्लादेश में यूनिसेफ के प्रतिनिधि शेल्डन येट ने कहा कि बच्चे सबसे ज़्यादा असुरक्षित हैं, उन्हें डूबने, कुपोषण, जानलेवा जलजनित बीमारियों, विस्थापन के आघात और अधिक आबादी वाले आश्रयों में संभावित दुर्व्यवहार का ख़तरा है। वहीं बांग्लादेश मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में और भारी बारिश का अनुमान लगाया है। जिससे बाढ़ और बढ़ सकती है और पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन हो सकता है।

बांग्लादेश में बाढ़ से लाखों लोग प्रभावित

दरअसल, दक्षिणी बांग्लादेश में बुधवार (19 जून) को शरणार्थी शिविरों में भारी मानसूनी बारिश के कारण भूस्खलन होने से आठ रोहिंग्या मुसलमानों सहित कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई। बांग्लादेश अभी भी चक्रवात से उबर रहा है, जो पिछले महीने के अंत में दक्षिण में उसके तटीय क्षेत्र में आया था।सिलहट निवासी शमीम चौधरी ने कहा कि मुझे डर है कि यह 2022 की बाढ़ जितनी विनाशकारी हो सकती है। जो 122 वर्षों में क्षेत्र में आई सबसे खराब बाढ़ का जिक्र कर रहे थे। वहीं टीवी फुटेज में खेतों और गांवों में व्यापक बाढ़ दिखाई गई, जिसमें सिलहट शहर में लोग घुटनों तक पानी में चल रहे थे। क्योंकि बारिश के कारण क्षेत्र की चार नदियों में पानी का स्तर खतरनाक रूप से बढ़ गया था।

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फसलों के लिए बाढ़ बड़ा खतरा

बांग्लादेश के कृषि मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि भूमि के बड़े हिस्से जलमग्न हो गए हैं। अगर बाढ़ का पानी लंबे समय तक बना रहा तो फसलों के लिए बड़ा खतरा पैदा हो सकता है। यूनिसेफ ने कहा कि बाढ़ ने बुनियादी ढांचे को भी काफी नुकसान पहुंचाया है, सिलहट डिवीजन में 810 से अधिक सरकारी स्कूल जलमग्न हो गए हैं और लगभग 500 का उपयोग बाढ़ आश्रय के रूप में किया जा रहा है। लगभग 140 सामुदायिक क्लीनिक भी जलमग्न हो गए, जिससे आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएँ बाधित हो गईं।

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