India News (इंडिया न्यूज़), Baton Passed: कांग्रेस पार्टी की ओर से आज (शनिवार) पार्टी की सबसे चर्चित सीट पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया गया। इस सीट को लेकर काफी दिनों से सियासत गर्म थी। रायबरेली सीट पर पार्टी की ओर से राहुल गांधी को उम्मीदवार बनाया गया। वहीं अमेठी सीट की दावेदारी गांधी परिवार के करीबी किशोरी लाल शर्मा के हाथों में दी गई। नाम के ऐलान के बाद पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को हस्तांतरित की जाने वाली राजनीतिक विरासत पर चर्चा तेज हो गया है।

नई पीढ़ी को मिली दावेदारी

रायबरेली सीट से पहले सोनिया गांधी चुनाव लड़ती थीं। इस साल उन्होंने तबीयत सही नहीं होने की वजह से चुनाव नहीं लड़ने के फैसला लिया। हालांकि वो पार्टी को बैक सपोर्ट पूरा कर रही है। सोनिया गांधी इस सीट का नेतृत्व 2004 से कर रही थी। जिसके बाद 2024 ने ये कमान सोनिया गांधी के बेटे राहुल गांधी ने अपने हाथों में लिया है। वहीं सोनिया गांधी इस साल राज्यसभा के लिए निर्वाचित हो गई। बता दें कि इससे पहले इस सीट का प्रतिनिधित्व राहुल गांधी के दादा फिरोज गांधी (1952 और 1957) ने की थी। उनके बाद दादी इंदिरा गांधी ने पार्टी का कमान संभाला था। यह प्रवृत्ति कैसरगंज, बहराइच, कैराना और बिजनौर में भी देखी जाती है, जहां माता-पिता ने बच्चों को विरासत सौंपी है।

Female Politician Caught with Son: बेटे के साथ बिस्तर पर पकड़ी गई ये महिला राजनेता, पति ने बनाया वीडियो

प्रियंका गांधी पर अब भी चर्चा

बिजनौर: मीरापुर से मौजूदा आरएलडी विधायक चंदन चौहान बिजनौर से लोकसभा में पदार्पण करना चाह रहे हैं। वह पूर्व सांसद संजय सिंह चौहान के बेटे हैं, जिन्होंने 2009 में सीट जीती थी, जब आरएलडी का बीजेपी के साथ गठबंधन था। राहुल गांधी ने आज अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। हालांकि उनकी बॉडी लैंग्वेज बता रही थी कि वह भारी मन से पर्चा दाखिल करने आए हैं। इस दौरान पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पूजा की भी तैयारी की थी, लेकिन वह उसमें भी शामिल नहीं हुए। वहीं प्रियंका गांधी का नाम दोनों सीटों पर ना आने के बाद भी लोगों में चर्चा बंद नहीं हुआ है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि प्रियंका गांधी का चैप्टर अभी क्लोज नहीं हुआ है। वो अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बनारस से चुनौती दे सकती हैं।