इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Beating The Retreat Ceremony बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी के साथ आज 73वें गणतंत्र दिवस (republic day) का समापन हो गया। आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में इस समारोह को भी इस बार ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के रूप में मनाया गया। देश की राजधानी दिल्ली स्थित विजय चौक पर शाम को बीटिंग रिट्रीट के दौरान इस वर्ष देश में निर्मित 1,000 ड्रोन का शो (drone show) मुख्य आकर्षण रहा। दर्शक यह नजारा देखकर रोमांचित नजर आए। इतने बड़े पैमाने पर ड्रोन शो का आयोजन करने के साथ ही चीन, रूस और ब्रिटेन के बाद ऐसा भव्य प्रदर्शन करने वाला भारत चौथा देश बन गया।
बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी शुरू होने से पहले 46 घुड़सवारों (46 horsemen) के साथ सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का काफिला सेरेमनी स्थल पर पहुंचा। मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अन्य कई गणमान्य लोग मौजूद थे। बीटिंग द रिट्रीट समारोह के समापन के लिए सशस्त्र बलों की टुकड़ियों के कमांडर ने राष्ट्रपति से मंजूरी मांगी। इसी के साथ बलों ने अपने कैंपों में वापसी परेड शुरू की।
बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी में सेना, नौसेना, वायु सेना और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के बैंड ने वापसी परेड में ‘सारे जहां से अच्छा’ और ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ की धुन बजाई जिसने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। समारोह में 26 धुनें बजाई गई। राष्ट्रपति राम नाथ प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तालियां बजाकर इसका स्वागत किया। इस अवसर पर नार्थ ब्लॉक साउथ ब्लॉक सहित राष्ट्रपति भवन को रंग बिरंगी लाइटों से सजाया गया था।
बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी की शुरुआत भारत में 1950 के दशक में हुई थी। यह परंपरा तब से चली आ रही है जब सूर्यास्त खत्म होने के बाद सेनाएं युद्ध समाप्त करके लौटती थी तो अपने अस्त्र-शस्त्र उतार कर रखती थीं। इस दौरान झण्डे नीचे उतारते जाते थे। बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी बीते दौर की एक झलक होती है। यह एक ऐसी परंपरा का हिस्सा है जिसमें सेनाओं की वापसी पर उनका बैंड धुनों से जोरदार स्वागत किया जाता है। पाइप और ड्रम बैंड, सीएपीएफ, वायुसेना, नौसेना और सेना के बैंड अपनी शानदार प्रस्तुतियां देते हैं।
बीटिंग रिट्रीट सप्ताह भर चलने वाले गणतंत्र दिवस समारोह के समापन का प्रतीक है। हर वर्ष 29 जनवरी को दिल्ली के विजय चौक पर इसके आयोजन के साथ ही गणतंत्र दिवस के समारोह का समापन होता है। इस दौरान राष्ट्रपति सेनाओं को अपनी बैरकों में लौटने की इजाजत देते हैं। इसी के साथ गणतंत्र दिवस समारोह का समापन हो जाता है। पहले ये 24 जनवरी से शुरू होता था, लेकिन 2022 से यह नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती यानी 23 जनवरी से मनाया जा रहा है। इस बार सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती मनाई जा रही है।
India News (इंडिया न्यूज), Bihar: सोमवार को बिहार के विभिन्न जिलों से आए दिव्यांगजन, बिहार…
India News (इंडिया न्यूज)Rajasthan News: आज के समय में पति-पत्नी के बीच विवाद के कई…
India News (इंडिया न्यूज), Bihar: बिहार के औरंगाबाद में घरेलू विवाद ने दिल दहला देने…
India News (इंडिया न्यूज), Delhi Assembly Elections : बीजेपी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारी…
India News (इंडिया न्यूज),filmmaker Shyam Benegal passed away: मशहूर फिल्म निर्देशक श्याम बेनेगल अब इस…
India News (इंडिया न्यूज), Bihar: शराबबंदी के बावजूद बिहार में अवैध शराब का कारोबार थमने…