India News (इंडिया न्यूज), Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश पुलिस के एक अधिकारी ने शनिवार (14 जून) को बताया कि आदिवासी बहुल मंडला में अवैध गोमांस व्यापार के खिलाफ कार्रवाई के तहत 11 लोगों द्वारा सरकारी जमीन पर बनाए गए मकानों को ध्वस्त कर दिया गया। मंडला के पुलिस अधीक्षक रजत सकलेचा ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि यह कार्रवाई एक गुप्त सूचना मिलने के बाद की गई कि नैनपुर के भैनवाही इलाके में वध के लिए बड़ी संख्या में गायों को बंदी बनाकर रखा गया है। उन्होंने कहा कि एक टीम वहां भेजी गई और हमने आरोपियों के पिछवाड़े में बंधी 150 गायों को पाया। सभी 11 आरोपियों के घरों में रेफ्रिजरेटर से गाय का मांस बरामद किया गया। हमें जानवरों की चर्बी, मवेशियों की खाल और हड्डियां भी मिलीं, जिन्हें एक कमरे में ठूंस दिया गया था।

गोमांस मिलने पर तोड़ा गया घर

मंडला के पुलिस अधीक्षक ने कहा कि स्थानीय सरकारी पशु चिकित्सक ने पुष्टि की है कि जब्त किया गया मांस गोमांस है। हमने द्वितीयक डीएनए विश्लेषण के लिए नमूने हैदराबाद भी भेजे हैं। 11 आरोपियों के घर इसलिए ध्वस्त कर दिए गए, क्योंकि वे सरकारी जमीन पर थे। एसपी ने बताया कि गायों और गोमांस की बरामदगी के बाद शुक्रवार रात को एफआईआर दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि बाकी 10 की तलाश जारी है।

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गो तस्करी का अड्डा बना इलाका

मंडला के पुलिस अधीक्षक रजत सकलेचा ने बताया कि 150 गायों को गोशाला में भेज दिया गया है। भैंसवाही इलाका पिछले कुछ समय से गो तस्करी का अड्डा बन गया है। मध्य प्रदेश में गोहत्या के लिए सात साल की जेल की सजा का प्रावधान है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि दो आरोपियों का आपराधिक इतिहास जुटा लिया गया है और बाकी लोगों के बारे में पता लगाने की प्रक्रिया जारी है। उन्होंने बताया कि सभी आरोपी मुस्लिम हैं।

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