इंडिया न्यूज, चंडीगढ़:
पंजाब में पहली बार सत्ता पर काबिज हुई आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार ने अपने 100 दिन पूरे कर लिए हैं और इस दौरान भगवंत मान के नेतृत्व में बनी इस सरकार ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं। एक-दो घटनाओं को अगर छोड़ दें तो भगवंत मान सरकार की छवि 100 दिन में बेहतर रही है। पंजाब में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने में मान सरकार काफी हद तक सफल हुई है। सत्ता संभालते ही भगवंत मान ने कई ऐसे फैसले लिए जिनकी अब तक तारीफ हो रही है। उपलब्धियों के चलते भगवंत मान को राजनीतिक क्षेत्र में एक सुलझे हुए युवा नेता के तौर पर पहचान मिल रही है।
पंजाब में कांग्रेस व बीजेपी-शिरोमणि अकाली दल (शिअद) की सरकारें रही हैं और इन सरकारों के होते जो राज्य के मुख्यमंत्री रहे हैं उनकी तुलना में भगवंत मान खुद को अलग साबित करने में सफल रहे हैं। यानी अपनी अलग छवि बनाने में वे कामयाब हुए हैं। बीजेपी-शिअद के प्रकाश सिंह बादल हों या कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान कैप्टन अमरिंदर सिंह अथवा चरणजीत सिंह चन्नी सीएम रहे हैं, वे ही अब तक मुख्य चर्चा का विषय रहे हैं। पर भगवंत मान ने कुछ अलग फैसले लेकर अपनी अलग छवि बनाई है।
सीएम भगवंत मान ने सत्ता संभालते ही जनता के हक में घोषणाओं का पिटारा खोल दिया था। सीएम की कुर्सी पर बैठते ही हर दूसरे दिन उन्होंने राज्य के हक में नई घोषणाएं की हैं। इस कारण वे प्रतिदिन पंजाब में चर्चा का विषय बने रहे। भगवंत मान की घोषणाओं को लेकर विपक्ष ने कभी उन पर तंज कसे तो कभी भगवंत मान के समर्थकों ने उनके समर्थन में कसीदे पढ़े। 16 मार्च को कार्यभार संभालने के बाद सीएम भगवंत मान ने 19 मार्च को अपने कैबिनेट की पहली बैठक में पंजाब में 25,000 सरकारी नौकरियों पर भर्ती का ऐलान किया। इनमें से 10,000 भर्तियां पुलिस में और अन्य 15,000 भर्तियां दूसरे विभागों में किए जाने की घोषणा की।
सीएम भगवंत मान ने सरकारी नौकरियों में भर्ती प्रक्रिया एक महीने में शुरू करने का ऐलान किया था। उन्होंने यह भी दावा किया था कि इस भर्ती मामले में न तो किसी से कई रिश्वत लेगा न किसी से कोई भेदभाव होगा। रिश्वत लेने वाले को कठोर दंड देने की बात भगवंत मान ने कही थी। उनकी इस सख्ती से भी भ्रष्टाचार पर काफी हद तक लगाम लगी है। भगवंत मान ने सत्ता संभालने के कुछ ही दिन में राज्य में 35,000 कच्चे कर्मचारियों को नियमित करने का भी ऐलान किया था। इनमें सभी कर्मचारी ग्रुप सी व ग्रुप डी से संबंधित हैं। सीएम ने आगामी विधानसभा सत्र में इस विधेयक का ड्राफ्ट पेश करने के अफसरों को निर्देश भी जारी किए थे।
भगवंत मान द्वारा 100 दिन के कार्यकाल में लिए गए महत्वपूर्ण फैसलों में भ्रष्टाचार मुख्य मुद्दा रहा है। भगवंत मान के नेतृत्व में भ्रष्टाचार पर लगाम के तहत राज्य सरकार ने अपनी ही सरकार के मंत्रियों को नहीं बख्शा। मान सरकार ने अपने ही मंत्री विजय सिंगला तक को जेल पहुंचा दिया। इस पर भगवंत मान की खूब तारीफ हुई है। इसी तरह पंजाब की आप सरकार ने कांग्रेस नेता व पूर्व मंत्री साधु सिंह धर्मसोत को जेल पहुंचाया है। आर्थिक तंगी के चलते भले ही मान सरकार को चुनावों के दौरान किए गए वादों को पूरा करने में समय लगे लेकिन भगवंत मान के कड़े फैसलों से उनकी वाहवाही जरूरी हो रही है।
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