जम्मू-कश्मीर (The yatra started from Samba district near Jammu today at 7 am and entered Jammu by noon) : यह यात्रा 30 जनवरी को जम्मू और कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में समाप्त होगी जिसके बाद राहुल गांधी अपनी पार्टी मुख्यालय में राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे।

यात्रा का अपडेट

भारत जोड़ो यात्रा का नेतृत्व कर रहे राहुल गांधी जैसे ही जम्मू-कश्मीर के शीतकालीन राजधानी जम्मू पहुंचे, हजारों लोगों की भीड़ ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। यह यात्रा आज जम्मू के निकटवर्ती सांबा जिले से सुबह 7 बजे शुरु हुई और दोपहर तक जम्मू में प्रवेश कर गयी। इस दौरान राहुल गांधी के चारों ओर सुरक्षा घेरा को और मजबूत कर दिया।

इससे पहले, अधिकारियों ने कहा कि यात्रा के लिए सभी आवश्यक प्रबंध किए गए हैं। यह यात्रा 30 जनवरी को जम्मू और कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में समाप्त होगी जिसके बाद राहुल गांधी अपनी पार्टी मुख्यालय में राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे। कालूचक से होते हुए यात्रा सतवारी चौक बढ़ रही थी तब यात्रा में ‘नफ़रत छोड़ो, भारत जोड़ो’ के नारे गूंज रहे थे। रात्रि विश्राम के लिए सिदरा जाने से पहले सतवारी चौक पर राहुल गांधी एक सभा को संबोधित करेंगे।

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, कांग्रेस महासचिव (संगठन) के सी वेणुगोपाल, एआईसीसी संचार प्रभारी जयराम रमेश, जम्मू-कश्मीर कांग्रेस प्रमुख विकार रसूल वानी, उनके पूर्ववर्ती जी ए मीर, कार्यकारी अध्यक्ष रमन भल्ला और पूर्व मंत्री तारिक हामिद कर्रा यात्रा में 129वां दिन शामिल हुए।

क्या है भारत जोड़ो यात्रा ?

भारत जोड़ो यात्रा चल रहा एक जन आंदोलन है, जिसका नेतृत्व कांग्रेस नेता राहुल गांधी कर रहे है। इस यात्रा की शुरूआत, पैदल ही, 7 सितंबर को तमिलनाडु के शहर कन्याकुमारी से हुई थी। यह यात्रा 150 दिनों में देश के 12 राज्यों से होकर, 3,570 किलोमीटर की दूरी तय कर, जम्मू कश्मीर में जाकर समाप्त होगी। अभी यह यात्रा 10 राज्यों के 52 जिलों को कवर करते हुए जम्मू-कश्मीर के जम्मू में है।

क्यों हो रही है ये यात्रा ?

दरअसल यह यात्रा सरकार की नीतियों के खिलाफ जैसे चरमराई अर्थव्यवस्था, बढ़ती महंगाई और बेरोज़गारी जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने के लिए है। कांग्रेस के मुताबिक, भारत जोड़ो यात्रा अन्याय के खिलाफ भारत के लोगों की आवाज़ को एकजुट करने का आंदोलन है। यह यात्रा सरकार द्वारा प्रत्येक भारतीय की आकांक्षाओं की उपेक्षा के खिलाफ खड़े होने का आह्वान है। कांग्रेस के अनुसार इस यात्रा का उद्देश्य देश को एकजुट और मजबूत करना है।