India News(इंडिया न्यूज),Bharat NCAP: भारत ने अपना कार सुरक्षा रेटिंग कार्यक्रम शुरू किया है, जिसे भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम नाम दिया गया है, यह प्रोग्राम 1 अक्टूबर से ही देश में चल रहा है। वहीं ग्लोबल एनसीएपी की तर्ज पर बनाए गए इस कार्यक्रम को भारत के विशिष्ट सुरक्षा मानकों के अनुरूप बनाया गया है। बता दें कि, यह 15 दिसंबर को तीन दर्जन से अधिक वाहनों के लिए क्रैश टेस्टिंग शुरू करने के लिए तैयार है।
जानिए कैसे करेगा काम
भारत एनसीएपी क्रैश टेस्टिंग पहल ऑटोमोटिव इंडस्ट्री स्टैंडर्ड एआईएस 197 का पालन करती है. इसमें एम1 श्रेणी के अंतर्गत आने वाले वाहन शामिल हैं, जो आठ यात्रियों (चालक सहित) को ले जाने में सक्षम हैं और जिनका कुल वजन 3.5 टन से अधिक नहीं है. यह कार्यक्रम इंपोर्टेड कारों, सीएनजी और इलेक्ट्रिक वाहनों तक कवरेज देता है. इसे तीन महत्वपूर्ण पहलुओं के आधार पर ऑटोमोबाइल का इवेल्यूएशन और रैंक करने के लिए सावधानीपूर्वक तैयार किया गया है, जिसमें एडल्ट डोमिसाइल्ड प्रोटेक्शन (एओपी), चाइल्ड ऑक्यूपियर सेफ्टी (सीओपी), और सुरक्षा सहायता तकनीक (एसएटी) जैसे मानक शामिल हैं.
जानिए रेटिंग की विशेषता
भारत एनसीएपी के कार्यों की निगरानी भारत सरकार से नियुक्त नामित एजेंसियों से कराई जाएगी. इन एजेंसियों में ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एआरएआई), इंटरनेशनल सेंटर फॉर ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी (आईसीएटी), और ग्लोबल ऑटोमोटिव रिसर्च (जीएआर) शामिल हैं. ये एक्सीडेंट टेस्टिंग के दौरान वाहनों के प्रदर्शन के आधार पर शून्य से पांच तक के पैमाने पर स्टार रेटिंग प्रदान करेंगे.
जानिए कौन है शामिल
पहले दौर की टेस्टिंग के लिए स्कोडा, फॉक्स वैगन, रेनॉल्ट और स्टेलेंटिस ग्रुप (जीप और सिट्रोएन) जैसी यूरोपीय कार निर्माता कंपनियों ने इस समय अपने वाहनों को भारत एनसीएपी सुरक्षा रेटिंग के अधीन पेश करने में जल्दबाजी नहीं दिखाई है।
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