India News (इंडिया न्यूज), Bharat Ratna Award: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और पिछड़े वर्गों के लिए अग्रणी कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न (मरणोपरांत) से सम्मानित किया जाएगा। बिहार के तीसरे व्यक्ति को इस सम्मान से सम्मानित किया जाएगा। भारत रत्न से जुड़े ऐसे कई सवाल हैं, जिनके बारे में हमें पता होना जरुरी है।
भारत रत्न क्या है?
भारत रत्न भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। यह पुरस्कार उन्हें दिया जाता है जो किसी भी भेदभाव के बिना असाधारण सेवा करते है। पहले इस पुरस्कार को मरणोपरांत नहीं दिया जाता था। इस नियम को 1955 में बदला गया था। जिसके बाद मरणोपरांत भी इस पुरस्कार को दिया जाने लगा।
यह कैसे प्रदान किया जाता है?
- इस पुरुस्कार की सिफारिश भारत के प्रधान मंत्री द्वारा राष्ट्रपति को की जाती हैं। इसके लिए कोई भी औपचारिक सिफ़ारिश की ज़रूरत नहीं होती है। बता दें कि एक साल में केवल तीन लोगों को इस पुरस्कार से सम्मानित किया जा सकता है। हालांकि कोई जरुरी नहीं है कि हर साल या सम्मान किसी को दिया जाए।
- इस पुरस्कार को पीपल के पत्ते के आकार में डिज़ाइन किया जाता है। जिस पर देवनागरी लिपि में ‘भारत रत्न’ लिखा होता है। पुरस्कार प्रतिमा के पिछले हिस्से पर राज्य प्रतीक के शिलालेख के नीचे हिंदी में ‘सत्यमेव जयते’ लिखा होता है। भारत रत्न पुरस्कार का प्रतीक, सूर्य और रिम प्लैटिनम से बने होते हैं। जबकि शिलालेख चमकदार कांस्य में हैं।
मिलती हैं ये सुविधाएं?
- इस पुरस्कार को पाने वाले को कोई धनराशि नहीं दी जाती हैं। हालांकि भारत सरकार की ओर से एक पदक और प्रमाणपत्र दिया जाता है।
- इस पुरस्कार से सम्मानित किए जाने के बाद प्राप्तकर्ता को सरकारी महकमे सुविधाएं दी जाती है। जैसे की पुरस्कार प्राप्तकर्ता को भारतीय रेलवे की तरफ से जीवन भर मुफ़्त यात्रा की सुविधा मिलती है। इसके अलावा सरकारी कार्यक्रमों में शामिल होने का मौका मिलता है। जिसके लिए वॉरंट ऑफ़ प्रेसिडेंस दी जाती है।
- भारत सरकार के अलावा राज्य सरकार द्वारा भी कई सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है। इस पुरस्कार से पहली बार 1964 में डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन, डॉ. सीवी रमन और चक्रवर्ती राजगोपालाचारी को सम्मानित किया गया था।
पुरस्कुार से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण नियम
- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 18(1) के मुताबिक पुरस्कार विजेता अपने नाम के उपसर्ग या प्रत्यय के रूप में ‘भारत रत्न’ का उपयोग नहीं कर सकते हैं। हालाँकि, वे अपने बायोडाटा, विजिटिंग कार्ड, लेटर हेड आदि में ‘राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित भारत रत्न’ या ‘भारत रत्न पुरस्कार प्राप्तकर्ता’ लिख सकते हैं।
- यह पुरस्कार गैर-भारतीयों को भी दिया जा सकता है। इसके खिलाफ कोई लिखित नियम नहीं है। मदर टेरेसा को 1980 में पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। गैर-भारतीय, खान अब्दुल गफ्फार खान और नेल्सन मंडेला को भी भारत रत्न से सम्मानित किया जा चुका है।