India News (इंडिया न्यूज), Lok Sabha Elections: लोकसभा चुनाव के दौरान झारखंड में भजपा को बड़ा झटका लगा है। हजारीबाग लोकसभा सीट में सियासी पारा चढ़ गया है। हज़ारीबाग़ से मौजूदा बीजेपी सांसद जयंत सिन्हा के बेटे और पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा के पोते अशीर सिन्हा ने सोमवार (13 मई) को कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। वहीं, इस चुनावी मंच पर जयंत सिन्हा के बेटे आशीष सिन्हा को देखना चर्चा का विषय बन गया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे हज़ारीबाग़ में एक जनसभा के दौरान अशीर सिन्हा ने कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ली। दरअसल पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने बीजेपी से नाता तोड़ लिया था। जिसके बाद विपक्ष ने यशवंत सिन्हा को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया था। हालांकि, उनके बेटे जयंत सिन्हा मोदी सरकार में वित्त राज्य मंत्री रह चुके हैं।
बीजेपी ने काटा जयंत सिन्हा का टिकट
दरअसल, बीजेपी ने इस बार झारखंड की हज़ारीबाग़ लोकसभा सीट से वरिष्ठ नेता जयंत सिंह का टिकट काटकर हज़ारीबाग़ सदर विधायक मनीष जयसवाल को अपना उम्मीदवार बनाया है। वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा लगातार भाजपा के खिलाफ आक्रामक बने हुए हैं। इसके साथ ही वह कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार जेपी पटेल को अपना समर्थन दे रहे हैं। वहीं यशवंत सिन्हा लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते रहे हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री और तृणमूल कांग्रेस नेता यशवंत सिन्हा के बेटे जयंत सिन्हा 2014 में पहली बार लोकसभा से सांसद बने। पीएम मोदी के पहले कार्यकाल में उन्हें मंत्री भी बनाया गया था। जयंत सिन्हा 2016 से 2019 तक उड्डयन राज्य मंत्री थे।
यशवंत सिन्हा ने क्यों छोड़ा बीजेपी?
बता दें कि, अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में वित्त और विदेश मंत्री रहे यशवंत सिन्हा साल 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से ही बीजेपी से नाराज चल रहे थे। इसी नाराजगी की वजह से उन्होंने पार्टी भी छोड़ दी थी। दरअसल वाजपेयी और आडवाणी का दौर खत्म होने के बाद यशवंत सिन्हा की बीजेपी से दूरियां बढ़ती चली गयीं। साल 2009 के लोकसभा चुनाव में यशवंत सिन्हा ने जीत दर्ज की। परंतु लोकसभा चुनाव 2014 में उन्हें टिकट नहीं दिया गया और उनकी जगह उनकी सीट से उनके बेटे जयंत सिन्हा चुनाव लड़े और जीते। इसके बाद उन्होंने साल 2018 में बीजेपी के साथ 21 साल लंबा सफर ख़त्म कर दिया।