India News (इंडिया न्यूज),Rajwinder Singh Bhatti:बिहार के IPS ऑफिसर राजविंदर सिंह भट्टी को सीआईएसएफ का नया डीजी चुना गया है। इस समय में आरएस भट्टी बिहार के डीजीपी हैं। राजविंदर पंजाब के निवासी हैं और उनकी पढ़ाई अमृतसर से हुई है। जिसके बाद उन्होने यूपीएससी की पढ़ाई की और कुछ समय बाद आईपीएस अधिकारी बन गए। भट्टी वर्ष 1990 बैच के आईपीएस ऑफिसर हैं जिसके बाद उन्हें बिहार कैडर अलॉट किया गया। उन्हाने अपने ट्रेनिंग के दौरान ही अपराधियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया था।
आरएस भट्टी कब बने IPS
उनका जन्म 27 सितंबर 1965 को पंजाब में हुआ था। अपनी शुरुआती पढ़ाई पूरी करने के बाद राजविंदर भट्टी ने यूपीएससी परीक्षा पास करने के बाद 20 अगस्त 1990 को आईपीएस के तौर पर चुना गया। इसके बाद उन्हें पहली पोस्टिंग बिहार में दी गई। विभिन्न पदों पर रह कर काम करने के बाद राजविंदर भट्टी 18 दिसंबर 2022 को बिहार के डीजीपी चुने गए थे। और अब उन्हे नया डीजी नियुक्त किया गया है। अब भट्टी 30 सितंबर 2025 रिटायर हो जाएंगे।
बिहार अधिकारी आरएस भट्टी की चर्चा
बिहार में जितनी अपराध की चर्चा है उतनी हीं चर्चा यहां पुलिस अधिकारीयों की भी है और उसमें से एक नाम आरएस भट्टी का भी लिया जाता है।असल में ये बात उस समय की है जब आरएस भट्टी अपने निरीकक्षण अवधी में वर्ष 1991-92 में भागलपुर पहुंचे उस समय बिहार में अपराध अपने शिखर पर था। उस समय में पुलिस वालों को भी अपराधियों का खौफ हुआ करता था।
यही हाल भागलपुर का भी हुआ करता था। उस समय यहां कई समूह प्रभावी थे। तब आरएस भट्टी ने वहां के अपराधियों को अच्छा सबक सिखाया था उनके कारवाई को आज भी याद किया जाता है। वर्ष 1991-92 में आरएस भट्टी को भागलपुर स्थित बिहपुर का थानेदार बनाया गया था। वहां के एक अपराधी कोशो कुंवर का बड़ा खौफ था। नवगछिया इलाका अपराधि केंद्रीत क्षेत्र बन गया था। वहां कैलाश मंडल और कुशो कुंवर का समूह बड़ी वारदातों को अंजाम देते थे। दोनों गुटों के झड़प में पचास से ज्यादा लोगों की जान गई थी।
आरएस भट्टी ने ली स्थानीय ग्रामीणों की मदद
आरएस भट्टी ने सिनेमैटीक अंदाज में कोशो को अमनी गिरफ्त में किया था। ऐसा कहा जाता है की कोशो कुंवर को गिरफ्त में लेने के लिए भट्टी केले से लदे ट्रक में छिपे थे। लेकीन उस समय उनको सफलता हासिल नही हुई, पर कुछ समय बाद उन्होंने कोशो कुंवर को पकड़ हीं लिया। जिसके बाद आरएस भट्टी की खौफ वहां के अपराधियों में समा गई। आरएस भट्टी ने स्थानीय लोगों की मदद लेकर इस समुह को गिरफ्त में लिया था।
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