India News(इंडिया न्यूज), India Maldives Relation: भारत-मालदीव टेंशन के बीच सरकार द्वारा बड़ा फैसला लिया गया है। सरकार ने मालदीव को चीनी, गेहूं, चावल और प्याज जैसी महत्वपूर्ण वस्तुओं के सीमित निर्यात की अनुमति दी है।

स्थिरता बनाए रखने का प्रयास

यह निर्णय स्थानीय कीमतों में स्थिरता बनाए रखने के प्रयास के तहत लिया गया है। भारत चावल, चीनी और प्याज के प्रमुख निर्यातक के रूप में जाना जाता है। विवाद के बीच भारती की ओर से इन खाद्य पदार्थों के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था सरकार की अधिसूचना में कहा गया है कि 1 अप्रैल से शुरू होने वाले 2024/25 वित्तीय वर्ष के दौरान मालदीव को इन वस्तुओं का शिपमेंट किसी भी वर्तमान या भविष्य के निर्यात प्रतिबंध या निषेध के अधीन नहीं होगा।

इज़राइली सेना ने सीनियर अधिकारियों को किया निलंबित, गाजा में वर्ल्ड किचन सेंटर पर किया था हमला

इन चीजों की मिली अनुमति

सरकार ने एक अधिसूचना में कहा, वित्त वर्ष 2025 में मालदीव के लिए 1 अप्रैल से शुरू होने वाले इन वस्तुओं के शिपमेंट को “निर्यात पर किसी भी मौजूदा या भविष्य के प्रतिबंध/निषेध से छूट दी जाएगी।” मालदीव को स्वीकृत निर्यात में 124,218 मीट्रिक टन चावल, 109,162 टन गेहूं का आटा, 64,494 टन चीनी, 21,513 मीट्रिक टन आलू, 35,749 टन प्याज और 427.5 मिलियन अंडे शामिल हैं। सरकार ने प्रत्येक 1 मिलियन टन पत्थर और नदी रेत के निर्यात की भी अनुमति दी है। अक्टूबर में राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के चुनाव के बाद से ऐतिहासिक रूप से घनिष्ठ संबंधों के बावजूद, मालदीव बीजिंग की ओर झुक रहा है।