India news(इंडिया न्यूज़), One Nation, One Election: केंद्र सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द के अध्यक्षता में एक राष्ट्र एक चुनाव के लिए कमेटी का गठन किया है। इसकी सूचना समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक दी गयी है।केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने गुरुवार को बताया की इस महिने के 19 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र का आयोजन किया गया है। जिसके बाद से पूरे देश में अटकले के बाजार गर्म है कि, इस विशेष सत्र के दौरान एक देश एक चुनाव का विधेयक सरकार पेश कर सकती है।
पिछले कुछ सालों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी राज्यों के विधानसभा और देश के आम चुनाव में एक साथ चुनाव कराने के पक्ष में हमेशा बोलते हुए नजर आते है। ऐसा मानना है की ऐसा करने से चुनाव की लागत कम आएगी। और समय की बचत भी होगी। केंद्र सरकार का पूर्व राष्ट्रपति को यह जिम्मेदारी सौंपने का निर्णय सरकार की गंभीरता को दर्शाता है।
भारतीय जनता पार्टी लंबे समय से एक राष्ट्र एक चुनाव की मुद्दे पर हमेशा बात करती नजर आती है। पार्टी के वरिष्ट नेता और देश के पूर्व उपप्रधानमंत्री लाल कृष्ण अडवाणी भी इससे पहले कई बार एक देश, एक चुनाव कराने के लिए वकालत करते नजर आए थे। उन्होंने ने तो 2009 के लोकसभा चुनाव में इसका जिक्र भी किया था।
एक देश एक चुनाव वाली बात पर आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला है। पार्टी प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि सरकार डर दई है। विपक्षी गठबंधन से केंद्र सरकार डर गयी है। उन्होंने एलजीपी की कीमतें को 200 रुपये कम कर दी। अब वे संविधान में संसोधन करने पर विचार कर रही है। कुछ भी कर ले सरकार चुनाव हार जाएगी।
कांग्रेस नेता आरिफ नसीम खान ने एक देश, एक चुनाव की संभावना को तलाशने के लिए केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि, अब मोदी सरकार में लोकतंत्र के लिए कोई जगह ही नहीं बची है। कोई ऐसा समिति नहीं है जिसमें पूर्व राष्ट्रपति को रखा गयी हो।
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