India News (इंडिया न्यूज), Bihar: अधिकारियों के अनुसार, शनिवार की सुबह सिवान जिले में एक छोटा पुल ढह गया, जो एक सप्ताह के भीतर राज्य में इस तरह की दूसरी घटना है। जिला मजिस्ट्रेट मुकुल कुमार गुप्ता के अनुसार, यह पुल, जो नहर पर बना था और दरौंदा तथा महाराजगंज ब्लॉक के गांवों को जोड़ता था, सुबह करीब 5 बजे ढह गया।
कोई हताहत नहीं
डीएम ने कहा, “इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ। यह एक बहुत पुरानी संरचना थी और जाहिर तौर पर, नहर के माध्यम से पानी छोड़े जाने पर खंभे ढह गए। हम यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि जब तक इसे बहाल नहीं किया जाता, प्रभावित गांवों के निवासियों को यथासंभव कम असुविधा का सामना करना पड़े।”
1991 में हुआ था पुल का निर्माण
दरौंदा के खंड विकास अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह ने कहा कि स्थानीय लोगों का दावा है कि पुल का निर्माण 1991 में उमा शंकर सिंह के योगदान से हुआ था, जो उस समय महाराजगंज के विधायक थे।
महाराजगंज के उप मंडल मजिस्ट्रेट अनिल कुमार ने पुष्टि की कि 20 फुट लंबी ईंट की संरचना विधायक के स्थानीय क्षेत्र विकास निधि का उपयोग करके बनाई गई थी। उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
यह घटना मंगलवार को अररिया जिले में लगभग 180 मीटर लंबे एक नवनिर्मित पुल के ढहने के बाद हुई है। ग्रामीण निर्माण विभाग ने अररिया पुल ढहने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी है।
बिहार में नदियों और अन्य जल निकायों पर बने विभिन्न आकारों के पुलों से जुड़ी कई दुर्घटनाएँ हुई हैं। हालाँकि इन घटनाओं में कोई हताहत नहीं हुआ है, लेकिन इनसे राज्य में सार्वजनिक कार्यों की गुणवत्ता को लेकर चिंताएँ बढ़ गई हैं।