India News (इंडिया न्यूज), Bihar Land Survey: बिहार में 20 अगस्त 2024 से भूमि सर्वेक्षण शुरू होने जा रहा है। इसको लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। कौन सा फॉर्म भरना है, कौन से दस्तावेज तैयार रखने हैं, सर्वेक्षण टीम को क्या दिखाना है, तमाम तरह के सवाल हैं। ऐसे में जान लें कि भूमि सर्वेक्षण से पहले आपको कौन से दस्तावेज तैयार रखने होंगे। आवेदक को स्वघोषणा के लिए कौन से दस्तावेज चाहिए होंगे। भूमि सर्वेक्षण के समय कौन से दस्तावेज तैयार रखने हैं, इसके बारे में अगर आप जानते हैं तो बताया जा रहा है कि चार-पांच बातों का ध्यान रखना होगा। आपको जमीन की रसीद (जिसके नाम पर भी हो), रजिस्ट्री की कॉपी, खाता खतियान या पुरानी जमीन का नक्शा अपने पास रखना होगा।
ऑनलाइन कर सकते हैं आवेदन
इसे लेकर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से ऑनलाइन प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। इसके लिए वेबसाइट भी उपलब्ध है। मोबाइल के प्ले स्टोर से बिहार सर्वे ट्रैकर नाम का ऐप है, इसे डाउनलोड कर सेवा का लाभ उठा सकते हैं। सर्वेक्षण की सभी सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध हैं। भूमि सर्वेक्षण के लिए आपको (आवेदक को) अपनी भूमि के लिए स्वघोषणा पत्र देना होगा। स्वघोषणा और वंशावली ऑनलाइन अपलोड करने की भी सुविधा है। इसके लिए एक महीने की तिथि तय की गई है। फॉर्म 2 में भूमि का ब्योरा भरकर जमा करना होगा। ऑनलाइन के अलावा जिलों में आयोजित कैंप में जाकर ऑफलाइन भी यह काम किया जा सकता है।
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आवेदक ये दस्तावेज रखें तैयार
सबसे पहले यह जान लें कि जब आप आवेदक के तौर पर फॉर्म भरते हैं तो उसमें एक अनुलग्नक होता है। यानी इसके साथ कौन-कौन से दस्तावेज लगाने होते हैं। इसकी सूची नीचे दी गई है।
- मृतक की मृत्यु की तिथि जमाबंदी रैयत/मृत्यु प्रमाण पत्र
- जमाबंदी संख्या/लालगुजारी रसीद संख्या का विवरण वर्ष सहित
- खतियान की प्रति (यदि उपलब्ध हो)
- दावा की गई भूमि से संबंधित दस्तावेजों का विवरण
- यदि किसी सक्षम न्यायालय का आदेश है तो आदेश की सत्य प्रति
- आवेदक या हित प्राप्त करने वाले व्यक्ति यानी मृतक के उत्तराधिकारी से संबंधित प्रमाण पत्र (इसका मतलब है कि आप ही वास्तविक उत्तराधिकारी हैं। इसके लिए आपको प्रमाण पत्र देना होगा कि भूमि आपके नाम पर ही होनी चाहिए)
- आवेदक के आधार कार्ड की फोटोकॉपी
- आवेदक के मतदाता पहचान पत्र की फोटोकॉपी
भूमि सर्वेक्षण की आवश्यकता क्यों?
बता दें कि यह भूमि छीनने की प्रक्रिया नहीं है। कहीं कोई भ्रम नहीं रहेगा। जो भी भ्रम था उसे समाप्त किया जाएगा। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि जो भूमि आपकी है वह आपकी ही रहे। इसके अलावा एक बात यह भी है कि सही भूमि सही व्यक्ति को ही मिलेगी। इसके साथ ही, जो भूमि विवाद के मामले सामने आते थे, वे भी समाप्त हो जाएंगे।
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