India News (इंडिया न्यूज़),Bilaspur News: जी हां ये मामला बिलासपुर के घुमारवीं उपमंडल के तहत उपतहसील भराड़ी के अंतर्गत ग्राम लढ़यानी स्थित प्राथमिक पाठशाला लढ़यानी की हालत मलबा गिरने से खराब हो चुकी है। पिछले दिनों भारी बारिश में चलते दधोल भराड़ी लदरौर सड़क के कार्य के चलते सड़क की मिट्टी का सारा मलबा स्कूल परिसर में पहुंच चुका है, जिसके चलते स्कूल परिसर में चलना भी मुश्किल हो गया है, व स्कूल के कमरों में पानी भी भर गया है।

ग्रामीणों ने खोला मोर्चा और विभाग के प्रति रोष प्रदर्शन किया

लेकिन इस बाबत जिलाधीश बिलासपुर आबिद हुसैन का कहना है कि उन्होंने एसडीएम को निर्देश दिए हैं कि वह स्कूल का निरीक्षण करें और अगर स्कूल में बारिश के पानी की वजह से दिक्कत है तो बच्चों की क्लास किसी अन्य पंचायत भवन या कम्युनिटी हॉल में लगाई जाए जब तक कि स्कूल पूरी तरह से ठीक नहीं हो जाता। जबकि लोगों का कहना था कि बार बार सड़क निर्माण कम्पनी को बोला गया ,परंतु वो हर बार बात को अनसुना कर रहे है।

बस कोरे आश्वासन देने के अलावा कुछ नही हो रहा, जिस समय कंम्पनी द्वारा सुरक्षा दीवार बनाई जा रही थी, उस समय बार बार बोला गया कि इस दीवार को सही से बनाया जाए ताकि सड़क का पानी यहां से ना जाकर सीधा पुलिया में जाकर गिरे, परंतु उन्होंने स्कूल प्रबंधन व आध्यपकों की बात को नकार दिया, जिसके चलते आज स्कूल परिसर की हालत बदतर हो चुकी है। अभी स्कूल को बने एक वर्ष हुआ है परंतु सारा मलबा स्कूल परिसर में फैला है व शौचालय भी मिट्टी की वजह से दब गए हैं।

उपमंडल घुमारवीं के एसडीएम को आदेश दिए गए…

वहीं स्कूल मैदान के बीचों बीच सड़क निर्माण कंपनी द्वारा लगभग तीन फीट चौड़ी एक नाली भी खोदी गई है जो कि गंदे पानी से भरी हुई है। प्राथमिक पाठशाला में 22 के लगभग विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे है व उनकी आयु 6 वर्ष से 10 वर्ष तक के बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहें हैं, और आलम यह है कि यहां पर कोई बड़ा व्यक्ति भी आर-पार नही सकता। आज सुबह जैसे ही बच्चे स्कूल पहुंचे तो स्कूल परिषद में चारों ओर दलदल ही दिखाई दिया।

बच्चे और अध्यापक सड़कों पर आ गए स्थानीय लोगों व बच्चों के अभिभावकों ने सड़क पर रोष प्रदर्शन किया लेकिन जब इसके बारे में उपायुक्त बिलासपुर आबिद हुसैन सादिक से बात की गई तो उन्होंने कहा कि यह मामला आज ही मेंरे ध्यान में आया है। इस पर उपमंडल घुमारवीं के एसडीएम को आदेश दिए गए हैं। ताकि बच्चों को किसी प्रकार की दिक्कत ना आए।

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