इंडिया न्यूज, नई दिल्ली, (Bilkis Case) : बिलकीस बानो सामूहिक दुष्कर्म मामले के एक दोषी ने उन याचिकाकर्ताओं के अधिकार क्षेत्र पर सवाल उठाते हुए असंतोष जाहिर किया है। याचिकाकर्ता प्रकरण में उसे और 10 अन्य दोषियों को दी गई माफी को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है।
दोषी ने अपनी याचिका में बताया है कि मामले में याचिकाकर्ता पूरी तरह अजनबी हैं। गौरतलब है कि हाल ही में गुजरात सरकार की ओर से सजा में छूट दिए जाने पर रिहा किए गए राधेश्याम ने अपने जवाबी हलफनामे में बताया है कि याचिकाकर्ताओं में से कोई भी मामले से संबंधित नहीं है।
दोषी ने कहा कि याचिकाकर्ता या तो राजनीतिक कार्यकर्ता हैं या तीसरे पक्ष-अजनबी हैं। याचिका की विचारणीयता पर प्रश्न उठाते हुए उसने कहा कि अगर ऐसी याचिकाओं पर अदालत विचार करती है, तो गलत संदेश जाएगा और आम जनता में शामिल कोई भी व्यक्ति अदालत के कार्याें में हस्तक्षेप करने का प्रयास करेगा और इस तरह आपराधिक मामले में आम लोगों को अदालत के सामने जाने के लिए एक नया मार्ग मिल जाएगा।
उसने कहा कि उसकी रिहाई पर सवाल उठाने वाली जनहित याचिका में याचिकाकर्ता नंबर-1 माकपा नेता सुभाषिनी अली खुद के एक पूर्व सांसद और आॅल इंडिया वूमेंस एसोसिएशन की उपाध्यक्ष है। याचिकाकर्ता नंबर-2 रेवती खुद एक स्वतंत्र पत्रकार हैं, जबकि याचिकाकर्ता नंबर-3 रूपरेखा वर्मा लखनऊ विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति हैं। जो अदालत के कार्यों को प्रभावित करने का प्रयास कर रही है।
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