India news(इंडिया न्यूज़),BJP and CPM, कोलकता: कहते है ना, राजनीति में सबकुछ जायज है। पश्चिम बंगाल में तो हद तब हो गयी जब खबर आई की टीएमसी के खिलाफ़ भारतीय जनता पार्टी और सीपीएम ने मिलाकर एक पंचायत बोर्ड में गठबंधन कर लिया है। जी हां यह तब हुआ जब पंचायत चुनाव परिणाम के बाद टीएमसी को रोकने के लिए गठबंधन किया गया।अब आप भी सुनकर विश्वास नहीं कर रहे होंगे की आप यह क्या कह रहे है। सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है की पश्चिम बंगाल में हुए पंचायत चुनाव के बाद भाजपा, और सीपीएम ने सबकुछ भुलाकर तीन पंचायतों में पंचायत बोर्ड पर अपनी अधिकार जमाने के लिए आपस में गठबंधन कर लिया है। बताया जा रहा है कि यह गठबंधन ममता बनर्जी की पार्टी तृणमुल कांग्रेस को रोकने के लिए बनाया गया है।
प्रधान पर भाजपा तो वहीं उपप्रधान पर सीपीएम
एक सामाचार पत्र की रिपोर्ट में बताया गया है कि, भारतीय जनता पार्टी और सीपीएम ने मिलकर महिषादल विधानसभा में एक नया गठबंधन बनाया है। यह गठबंधन पूर्वी मिदनापुर जीले के पंचायत बोर्ड लिए किया गया है। भाजपा और टीएमसी को 18 में से आठ-आठ सीटों मिली थी, जबकी सीपीएम को मात्र दो सीटों से संतोष करना पड़ा। ग्राम पंचायत बोर्ड में टीएमसी को रोकने के लिए बीजेपी और सीपीएम ने आपस में मिलकर दोनों सीटों पर अपना कब्जा जमा लिया। भाजपा की शुभ्रा पांडा को प्रधान जबकी सीपीएम के परेश पाणिग्रही को उपप्रधान चुना गया। इस गठबंधन पर टीएमसी के महिसादल से विधायक तिलक कुमार चक्रवर्ती ने सीपीएम पर हमला बोलते हुए कहा सीपीएम ने भाजपा को समर्थन दिया है।
विपक्ष के लिए झटका से कम नहीं
एक तरफ विपक्ष भाजपा के खिलाफ 2024 के लिए माहौल तैयार करने में लगा हुआ है। तृणमुल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी दिल्ली में सभी पार्टी के नेताओं के साथ बैठक में शामिल हो रही है तो वहीं दूसरी ओर बंगाल में सीपीएम और भाजपा ने हाथ मिला कर पंचायत बोर्ड पर कब्जा कर लिया है। भले ही राष्ट्रीय राजनीति में इस बात की चर्चा अभी नहीं हो रही है,लेकिन यह विपक्ष के लिए झटका से कम नहीं है। क्योंकि बंगाल की बात करे तो अब भाजपा भी वहां अपनी राजनीतिक ज़मीन तैयार कर ली है। 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने अपनी जानाधार के अनुसार शानदार प्रदर्शन किया था।
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