India News (इंडिया न्यूज), BJP MLA Anil Singh News: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों ने यूपी बीजेपी को बड़ा झटका दिया है। करारी हार की चपेट में राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कुर्सी में लग रहा आने वाली है। सीएम योगी की मुश्किलें लगातार बढ़ती ही जा रही हैं। बैठकों का दौर यूपी से लेकर दिल्ली तक चला। यूपी बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी की ओर से रिपोर्ट भी पेश किया गया। हलचल के बीच में सीएम योगी ने साफ किया था कि किसी भी अधिकारी की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। लेकिन ये क्या है खटास के खबरों के बीच उन्नाव से बीजेपी के विधायक अनिल सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अंतर्गत आने वाले पीडब्ल्यूडी (PWD) विभाग पर बड़ा आरोप लगाया है। रिपोर्ट्स की मानें तो विधायक की ओर से भ्रष्टाचार के कई गंभीर आरोप लगाए हैं। इतना ही नहीं आरोप के साथ एक लेटर भी जारी किया है। लेटर में विभाग के कई बड़े अधिकारियों के उपर बेहद गंभीर सवाल उठा दिए हैं।

  • यूपी बीजेपी में सब सही है?
  • बीजेपी के अपने ही विधायक ने लगाए ये गंभीर आरोप
  • लेटर में  गंभीर आरोप

लेटर में  गंभीर आरोप

उन्नाव से बीजेपी के विधायक अनिल सिंह ने लेटर PWD के प्रमुख सचिव अजय चौहान को लिखा है। लेटर पर अगर आप एक नजर डालेंगे। जिसमें उन्होंने लिखा कि ‘आपके मुख्यालय पर तैनात बिरेन्द्र यादव, वीरेन्द्र कुमार यादव और ओम प्रकाश पटेल, प्रधान लिपिक साल 2003 से एक ही प्रकार के पटल क्रमशः व्यवस्थापन क (सहायक अभियन्ता) वर्ग तथा कोष/बजट-क वर्गों में तैनात रहकर मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार के विरूद्ध जीरो टॉलरेन्स नीति के अन्तर्गत चलाये जा रहे अभियान के विपरीत निम्न कारणों से लोक निर्माण विभाग में लगातार भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा को लांघते चले जा रहें है। इनको निलम्बित करते हुये इनके संगे सबंधियों की भी आय से अधिक सम्पित्ति की जांच कराने का कष्ट करें।’ आपको बता दें कि इन आरोपों को लेटर के अंदर बिंदु के माध्यम से बताया है।

ट्रांसफर नीति का जोरदार उल्लंघन

विधायक आगे लेटर में लिखते हैं कि;

1..’अधिकारियों के क्लास 1 व क्लास-2 तथा बजट के पटल /वर्ग पर लगभग 21 वर्षों से तैनात रहना ट्रांसफर नीति तथा पटल परिवर्तन के नियमों का घोर उल्लंघन किया जा रहा है।

2.इतना ही नहीं राज्य सरकार एवं भारत सरकार की नीतियों का मुख्यरता से इन भ्रष्टाचारी बाबुओं द्वारा सरकारी सेवकों की आचरण नियमावली के विरुद्ध जाकर अपने कर्तत्वों का घोर उल्लंघन किया गया है।

ठेकेदारों से मोटी रकम

3. इन बाबुओं द्वारा अपने चहेते अधिकारियों को मनमर्जी के अनुसार ठेकेदारों से सांठगांठ कराकर, मुख्यालय के अधिकारियों को मिलाकर, फील्ड में तैनाती के नाम पर ठेकेदारों से मोटी रकम अधिकारियों को पोस्ट कराकर भ्रष्टाचार कराया जा रहा है।

उदाहरण स्वरूप वर्ष 2022 में अधिकारियों के ट्रांसफर देख रहें प्रमुख अभियन्ता (विकास) विभागाध्यक्ष को निलंबित किया गया, लेकिन अधिष्ठान वर्ग में तैनात बिरेन्द्र यादव और वीरेन्द्र कुमार यादव को निलंबित नहीं किया गया, जबकि आईएएस की जांच कमेटी में दोष सिद्ध पाये जाने पर मात्र तत्कालीन प्रमुख अभियंता को निलम्बित किया गया।ये दोनों आज भी इसी वर्ग में दबंगई से तैनात हैं. इन बाबुओ को बिना किसी जांच की आवश्यकता के तत्काल निलंबत किया जायेगा।

वसूली का भी आरोप

विधायक जी आगे लिखते हैं कि ओम प्रकाश पटेल, प्रधान सहायक का कोष वर्ग से प्रशासनिक आधार पर स्थानान्तरण किया गया था। परन्तु दोबारा भी यह बाबू कोष वर्ग में गोरखपुर से वापस ज्वाइन किया और 19 वर्ष कोष वर्ग में तैनात रहा। अब बजट-क वर्ग में तैनात होकर कार्यकारी खण्डों से पूरे बजट का 10 प्रतिशत उच्चाधिकारियों के नाम पर खुले में वसूल कर रहा है। इसकी समयावधि में कोष वर्ग के अन्तर्गत कराये गये भुगतान व समस्त वित्तीय मामलों के लेन-देन की जांच कराई जाए।

विशेष जांच की मांग

आगे विधायक लेटर में लिखते हैं ‘ 5.अनुसूचित जाति की महिला पदाधिकारी का उत्पीडन करके बलातकार कर, उसकी हत्या करने विषयक नियमित वर्कचार्ज एसोसिएशन के अध्यक्ष भारत सिंह यादव द्वारा लिखा गया है। जिसमें बिरेन्द्र यादव, शिव कुमार यादव, सुनील कुमार यादव और ओम प्रकाश पटेल कर्मचारी मुख्य की भी विशेष जांच कराई जानी अनिवार्य है। इन आरोपों पर कार्रवाई के लिए सरकार से खांस मां भी कर रहे हैं। ऐसे में उन्होनें ये भी लिखा कि ऐसे कर्मचारी जानबूझ कर सरकार की छवि को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। ये लोग जानबूझकर सरकार की छवि को खराब करने, सरकार विरोधी गतिविधियों संलिप्त रहने का कार्य और अपने संघीय पदों का इस्तेमाल करके विभिन्न पटलों पर बीजेपी विधायकों के पत्रों को अवरोधित करने का भी कार्य किया जा रहा है।

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