India News(इंडिया न्यूज),Lok Sabha Election 2024: बीजेपी और संघ का सबसे बड़ा एजेंडा अयोध्या में राम मंदिर है। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बहाने पूरे देश को राममय बनाने की तैयारी की जा रही है। लोकसभा चुनाव में अब ज्यादा समय नहीं बचा है। ऐसे में बीजेपी और आरएसएस की कोशिश तब तक माहौल बनाए रखने की है। अब अयोध्या यूपी में है। इसीलिए अब यह राज्य इस रणनीति का केंद्र है। पूरे देश को खुश रखने की जिम्मेदारी यूपी सरकार, बीजेपी संगठन और संघ के लोगों को दी गई है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के घर हुई मैराथन बैठक में कुछ बड़े फैसले लिए गए हैं। इस बैठक में संघ, सरकार और बीजेपी संगठन के लोग शामिल हुए।
बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव संगठन बीएल संतोष और आरएसएस के सह सरकार्यवाह अरुण कुमार ने पहले आपस में बैठक की। फिर दोनों लोग योगी आदित्यनाथ के घर पहुंचे। जहां दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक पहले से मौजूद थे। इस बैठक में यूपी बीजेपी अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी और प्रदेश संगठन मंत्री धर्मपाल सिंह भी मौजूद रहे।
इस बैठक में फैसला लिया गया कि अब आगामी लोकसभा चुनाव में आरएसएस सीधे तौर पर कमान संभालेगा। तय हुआ कि हर लोकसभा में संघ की ओर से समन्वयक नियुक्त किये जायेंगे। इसकी शुरुआत यूपी से करने पर सहमति बन गई है। यह पहला मौका है जब संघ को भी चुनाव कराने की जिम्मेदारी दी गई है। बीजेपी और संघ की समन्वय बैठक में चुनावी जीत का रोडमैप बनाया गया।
पिछले चुनाव में पर्दे के पीछे की जिम्मेदारी संभाल रहा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पहली बार हर लोकसभा में चुनावी दृष्टि से एक संयोजक नियुक्त करने जा रहा है। इन समन्वयकों को सभी 80 लोकसभाओं में तैनात किया जाएगा। ये लोग बीजेपी के लोकसभा प्रभारी और संयोजकों के साथ चुनाव की कमान संभालेंगे।
संघ ने अपने कार्यकर्ताओं को वोटरों को वोट देने की मुख्य जिम्मेदारी सौंपी है। वह प्रत्येक बूथ के हिसाब से काम करेगा और उसके अधिकार क्षेत्र में आने वाले मतदाताओं को मतदाता पर्ची बांटने के साथ-साथ मतदाताओं को बाहर निकालने की जिम्मेदारी भी लेगा। इसके लिए वह घर-घर संपर्क करेंगे। इसके लिए वह हर बूथ पर अपने दो-दो कार्यकर्ताओं को भी तैनात करेंगे। इसमें वह सहयोगी संगठनों से भी मदद लेगा। यह संयोजक हर लोकसभा में सहयोगी संगठनों की बात सरकार और बीजेपी तक पहुंचाने की जिम्मेदारी भी संभालेंगे।
संघ और बीजेपी की समन्वय बैठक में राम मंदिर पर भी कुछ फैसले लिए गए। तय किया गया है कि हर लोकसभा सीट से कम से कम दो हजार लोगों को रामलला के दर्शन की इजाजत दी जाएगी। उनके रहने और खाने की सारी व्यवस्था बीजेपी करेगी। हर लोकसभा सीट से आने वाले राम भक्तों के समूह के लिए एक व्यक्ति को नोडल अधिकारी बनाया जाएगा।
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