India News (इंडिया न्यूज़), Body bag Purchase Case: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई और देश के सबसे अमीर निगम बीएमसी एक अजीब स्थिति का सामना कर रहा है क्योंकि वरिष्ठ आईएएस अधिकारी और अतिरिक्त नगर निगम आयुक्त पी वेल्लारासु के खिलाफ धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश रचने की एफआईआर दर्ज की गई है। महाराष्ट्र पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा की विशेष जांच टीम की जांच के बाद अधिकारियों पर मामला दर्ज किया गया।
बता दें आरोपियों मे नगर निगम आयुक्त पी वेल्लारासु भी शामिल हैं उनके खिलाफ कथित धोखाधड़ी, विश्वास के उल्लंघन का आरोप है। आईपीसी की धारा 420, 409, 418 (इस जानकारी के साथ धोखाधड़ी करना कि गलत तरीके से नुकसान हो सकता है, जिसके हितों की रक्षा करने के लिए अपराधी बाध्य है) और 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
निगम के कई नगरसेवकों का मानना है कि यह चौंकाने वाली बात है कि गंभीर आपराधिक आरोपों का सामना करने वाले व्यक्ति को उसी कार्यालय में बने रहने की अनुमति दी गई है और 4000 करोड़ के कोविड घोटाले में बॉडी बैग और अन्य प्रमुख अनुबंधों से संबंधित फाइलों तक उसकी पहुंच अभी भी उन्हीं फाइलों पर है।
ईओडब्ल्यू की शिकायत पर अग्रीपाड़ा पुलिस स्टेशन ने पूर्व मेयर किशोरी पेडनेकर के साथ पी वेल्लारासु पर मामला दर्ज किया है। वेल्लारासु कोविड के दौरान बीएमसी के ठेके देने में शामिल थे और इसके अलावा हजारों करोड़ रुपये की खरीद और टेंडर का काम भी संभाल रहे थे। करोड़ों रुपये के बीएमसी कोविड घोटाले में पूर्व शिवसेना मेयर और वरिष्ठ आईएएस अधिकारी पी वेल्लारासु के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है।
4000 करोड़ के कोविड खरीद घोटाले की जांच के लिए महाराष्ट्र सरकार द्वारा गठित महाराष्ट्र पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा की विशेष जांच टीम ने उद्धव गुट, शिवसेना के किशोरी पेडनेकर और वरिष्ठ आईएएस अधिकारी और अतिरिक्त के खिलाफ कोविड महामारी के दौरान बॉडी बैग खरीद में आर्थिक धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। आर्थिक अपराध शाखा कोविड घोटाले की जांच कर रही है, जिसमें पाया गया कि 1500 से 2000 तक के बॉडी बैग को पेडनेकर और वेल्लारासु के कहने पर 6800 प्रति बैग की कीमत से तीन गुना कीमत पर खरीदा गया था।
बीएमसी के कई अन्य अधिकारियों पर भी गंभीर आरोप हैं लेकिन यह पहली बार है जब किसी आईएएस अधिकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। नाम न छापने की शर्त पर नगरसेवक ने इंडिया न्यूज़ से बात करते हुए कहा कि उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस जल्द ही कार्रवाई करेंगे क्योंकि भाजपा नगरसेवकों को लगता है कि गंभीर आरोपों वाले अधिकारी को उसी जगह पर बनाए रखना अनुचित है। जो सरकार की छवी सहीत जांच को प्रभावित कर सकता है। ऐसा कहा जा रहा है कि ईडी जल्द ही कोविड घोटाले में नए सिरे से जांच शुरू कर सकती है क्योंकि उन्होंने एक कथित खरीद घोटाले में ईओडब्ल्यू से दस्तावेज प्राप्त कर लिए हैं और मनी लॉन्ड्रिंग का मामला शुरू कर दिया है। बता दें पूर्व भाजपा सांसद किरीट सोमैया के सिकायत पर ईओडब्ल्यू ने मामला दर्ज किया था।
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