India News (इंडिया न्यूज़) Bombay High Court Extends interim protection: समीर वानखेड़े द्वारा जबरन वसूली के मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट ने मुंबई NCB के पूर्व जोनल निदेशक समीर वानखेड़े को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत को 23 जून तक बढ़ा दी है। इस बीच वानखेड़े के वकील ने उच्च न्यायालय से याचिका में संशोधन करने की अनुमति देने का अनुरोध किया है। बता दें सीबीआई ने बॉम्बे हाईकोर्ट से एनसीबी के पूर्व जोनल निदेशक समीर वानखेड़े को गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा देने के अपने पहले के आदेश को वापस लेने की मांग की थी।

पिछले महीने वानखेड़े को मिली थी अंतरिम राहत

बता दें बॉम्बे हाईकोर्ट की एक अवकाश पीठ ने पिछले महीने वानखेड़े को अंतरिम राहत दी थी और उन्हें जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया था। इससे पहले सीबीआई ने 2 जून को वानखेड़े की याचिका के जवाब में अपना हलफनामा दायर किया और अंतरिम संरक्षण आदेश वापस लेने और याचिका खारिज करने की मांग की।

जांच पर प्रभाव डाल सकता है अंतरिम राहत

सीबीआई ने हलफनामे में कहा कि कोई भी अंतरिम राहत का आदेश जांच पर प्रभाव डालेगा। इसलिए सम्मानपूर्वक गुजारिश की जाती है कि याचिकाकर्ता वानखेडे को गिरफ्तारी से दी गई अंतरिम राहत को वापस लिया जाए। सीबीआई ने अपने हलफनामे में कहा कि उसने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) द्वारा 11 मई 2023 को जारी एक लिखित शिकायत के आधार पर वानखेड़े के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।

क्या है पूरा मामला

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने पिछले महीने वानखेड़े और चार अन्य के खिलाफ ड्रग्स मामले में आर्यन खान को फंसाने के एवज में कथित रूप से 25 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगने के आरोप में FIR दर्ज की थी। हालांकि, बाद में वानखेड़े ने FIR को रद्द करने और किसी भी दंडात्मक कार्रवाई से अंतरिम सुरक्षा की मांग को लेकर उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।

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