इंडिया न्यूज़,नई दिल्ली :
Booster Dose For Fight Against Omicron : कोरोना का नया वैरिएंट कहर मचा रहा है। 10 दिनों में ही कोरोना का ओमिक्रॉन वैरिएंट 30 से ज्यादा देशों में पहुंच गया है। वहीं इस खतरे से निपटने के लिए भारत में भी बूस्टर डोज लगाए जाने का प्रस्ताव रखा गया है।
इंडियन सार्स-कोविड-2 जेनेटिक कंसोर्शियम (NTAG) के साइंटिस्ट्स ने 40 साल से ऊपर के लोगों के लिए बूस्टर डोज की सिफारिश की है। साइंटिस्ट् ने कहा कि 40 साल से ज्यादा उम्र के हर नागरिक को बूस्टर डोज लगाया जा ना चाहिए।
ज्यादा फोकस 40 से ज्यादा उम्र वालों पर ही होना चाहिए। ओमिक्रॉन कोरोना वायरस के जीनोम वैरिएशंस पर नजर रखने के लिए केंद्र सरकार द्वारा बनाई गईं लैब्स की टॉप बॉडी है।
बूस्टर डोज की जरूरत क्यों Booster Dose For Fight Against Omicron
पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के माइक्रो वायरोलॉजी विभाग के डॉ. सत्येंद्र सिंह ने बताया कि जिन लोगों को वैक्सीन लगवाने 6 महीने से ज्यादा हो गया है उन्हें बूस्टर डोज लगाया जाना चाहिए। क्योंकि 6 से 9 महीने बाद एंटीबॉडी फॉल पर होती है।
जिससे संक्रमण होने का खतरा बढ़ सकता है। वहीं कोविड टास्क फोर्स के चेयरमैन डॉ. एनके अरोड़ा ने कहा है कि गंभीर रोगियों और कमजोर इम्यूनिटी वाले मरीजों पर जल्द ही बूस्टर डोज पॉलिसी लाने जा रही है। यह पॉलिसी दो हफ्ते में तैयार हो सकती है।
30 देशों में फैला ओमिक्रान Booster Dose For Fight Against Omicron
ओमिक्रॉन का नया स्वरूप कुछ दिन पहले तक दक्षिण अफ्रीका तकह ही सीमित था। अब यह दुनिया के 30 देशों में पहुंच गया है। नया वायरस के सबसे अधिक केस दक्षिण अफ्रीका में ही मिल रहे हैं। यहां पहले एक ही मामला सामने आया था अब संक्रमितों की संख्या 183 पहुंच चुकी है।
वहीं अन्य देशों में भी कोरोना के नए मामले सामने आने से प्रभावित देशों की चिंताएं बढ़ गई हैं। दूसरी ओर भारत में गत दिवस कर्नाटक में नए वायरस के दो मामले सामने आए थे। जिनमें से डॉक्टर शामिल हैं तो वहीं दूसरा संक्रमित 60 साल से अधिक का बताया जा रहा है।
स्पाइक प्रोटीन के लिए डब्ल्यूएचओ चिंतित Booster Dose For Fight Against Omicron
विश्व स्वास्थ्य संगठन ओमिक्रॉन के लिए इस लिए चिंतित है क्योंकि इस वायरस का स्पाइक प्रोटीन पहले आए संक्रमण से अधिक शक्तिशाली है। इसलिए यह तेजी से फैल रहा है। Booster Dose For Fight Against Omicron
विशेषज्ञों का कहना है कि यह वायरस इतना प्रभावशाली है कि किसी भी शख्स की कोशिकाओं में प्रवेश करते हुए सीधे संक्रमित हुए मानव के फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है। ऐसे में इससे बचाव का एकमात्र रास्ता है कि कोविड नियमों का सख्ती से पालन करें। क्योंकि लापरवाही जान पर भारी पड़ सकती है।
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