India News (इंडिया न्यूज), BrahMos Missiles: भारत हथियारों के आयातक से निर्यातक बनने की दिशा में आगे बढ़ चुका है। अब तक हथियार खरीदता आ रहा भारत अब इन्हें बेचना भी शुरू कर दिया है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के अध्यक्ष डॉ. समीर वी ने गुरुवार को कामत ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के निर्यात को लेकर अहम जानकारी दी है। उन्होंने भारतीय सेना को आपूर्ति की जाने वाली ‘एडवांस्ड टोड आर्टिलरी गन सिस्टम’ (ATAGS) गन पर भी अपडेट दिया है।

डीआरडीओ के अध्यक्ष कामत ने कहा, “307 एटीएजीएस तोपों का ऑर्डर दिया जाने वाला है। इसे डीआरडीओ के माध्यम से विकसित किया गया है और भारत फोर्ज और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स सहित निजी क्षेत्र के उद्योग के माध्यम से उत्पादित किया गया है। उन्होंने कहा कि 307 ATAGS तोपों का ऑर्डर इस वित्तीय वर्ष यानी 31 मार्च 2024 तक मिलने की उम्मीद है। ATAGS तोपों से भारतीय सेना को काफी ताकत मिलने वाली है।

10 दिनों के बाद मिसाइलों का निर्यात?

ब्रह्मोस मिसाइलों को लेकर डीआरडीओ के चेयरमैन डॉ। समीर वी. कामत ने बताया कि भारत अगले 10 दिनों में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों के लिए ग्राउंड सिस्टम का निर्यात शुरू कर देगा। इस साल मार्च तक क्रूज मिसाइलें भेजे जाने की उम्मीद है। यह घोषणा रक्षा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में, विशेषकर सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों के क्षेत्र में भारत की प्रगति को दर्शाती है। ब्रह्मोस मिसाइल के निर्यात को लेकर भी कई देशों से बातचीत चल रही है।

भारत का फिलीपींस से हुआ समझौता

बता दें कि जनवरी 2022 में भारत और फिलीपींस के बीच ब्रह्मोस मिसाइलों को लेकर 375 मिलियन डॉलर की डील पर हस्ताक्षर हुए थे। इसके तहत फिलीपींस को मिसाइलें पहुंचाई जानी हैं। 290 किमी रेंज वाली इन मिसाइलों के निर्यात का यह अपनी तरह का पहला समझौता था। इस डील के तहत दो साल में एंटी-शिप वर्जन की तीन मिसाइल बैटरियां निर्यात की जानी हैं। माना जा रहा है कि इसी कड़ी में ब्रह्मोस मिसाइलें फिलीपींस को निर्यात की जाएंगी। मालूम हो कि दक्षिण एशिया के कई देशों ने ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने में रुचि दिखाई है।

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