India News (इंडिया न्यूज), Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2024-25 को संसद में आज पेश किया। जिसको लेकर विपक्ष और पक्ष के नेताओ ने अपनी प्रतिक्रिया दी। इस बीच उत्तर प्रदेश की राजनीति के दो प्रमुख व्यक्ति मयावती और अखिलेश यादव ने भी रिएक्शन दिया। दोनों नेताओं ने बजट को लेकर केंद्र सरकार पर तीखी प्रतिक्रिया दी। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने केंद्रीय बजट में आंध्र प्रदेश और बिहार के लिए की गई घोषणाओं को सरकार बचाने की कोशिश करार दिया। साथ ही आरोप लगाया कि सरकार ने किसानों और युवाओं के साथ-साथ पूरे देश की अनदेखी की है।उन्होंने आगे कहा कि देश के युवाओं को आधी-अधूरी नौकरी नहीं, बल्कि स्थायी नौकरी चाहिए।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा कि आंकड़ों के आधार पर बड़ी-बड़ी बातें की जाती हैं। लेकिन जो परियोजनाएं चल रही हैं, वे समय पर पूरी नहीं हुई हैं। अगर सरकार को बचाना है, तो यह अच्छी बात है कि बिहार और आंध्र प्रदेश को विशेष पैकेज या विशेष योजनाओं से जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि यह बजट अगली सरकार बनाने के लिए उन राज्यों को बड़ा पैकेज दिया जा सके। उत्तर प्रदेश ने देश को प्रधानमंत्री दिया और क्या चाहिए? उन्होंने पूछा कि क्या उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए कोई बड़ा फैसला है, जो प्रधानमंत्री देते हैं?
सपा मुखिया ने कहा कि ट्रेनिंग और इंटर्नशिप करके नौकरी का सपना दिखाया जा रहा है। देश का युवा अपना भविष्य बनाने के लिए स्थायी नौकरी चाहता है। उन्होंने आगे पूछा कि क्या आधी-अधूरी नौकरियों में आरक्षण होगा और इस बजट के जरिए स्थायी नौकरियों की क्या व्यवस्था है? इसके अलावा उन्होंने कहा कि अगर गिफ्ट सिटी गुजरात में हो सकती है, तो वाराणसी या गोरखपुर में क्यों नहीं हो सकती। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि बजट 2024-25 में पूरे देश की अनदेखी की गई है।
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बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने केंद्रीय बजट पर सरकार को घेरा। उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि संसद में आज पेश केन्द्रीय बजट अपने पुराने ढर्रे पर कुछ मुट्ठी भर अमीर व धन्नासेठों को छोड़कर देश के गरीबों, बेरोजगारों, किसानों, महिलाओं, मेहनतकशों, वंचितों व उपेक्षित बहुजनों के त्रस्त जीवन से मुक्ति हेतु अच्छे दिन की उम्मीदों वाला कम बल्कि उन्हें मायूस करने वाला ज्यादा है। उन्होंने आगे कहा कि देश में छाई जबरदस्त गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई, पिछड़ापन तथा यहाँ के 125 करोड़ से अधिक कमजोर तबकों के उत्थान व उनके लिए जरूरी बुनियादी सुविधाओं के प्रति इस नई सरकार में भी अपेक्षित सुधारवादी नीति व नीयत का अभाव।
इस बजट में ऐसे प्रावधानों से क्या लोगों का जीवन खुश व खुशहाल हो पाएगा? मायावती ने लिखा कि देश का विकास व लोगों का उत्थान आँकड़ों के भूल भुलैया वाला न हो। बल्कि लोगों को त्रस्त जीवन से मुक्ति के लिए रोजगार के अवसर, जेब में खर्च के लिए पैसे/ आमदनी जैसी बुनियादी तरक्की सभी को मिलकर महसूस भी हो। रेलवे का विकास भी अति-जरूरी है। केंद्र सरकार बीएसपी सरकार की तरह हर हाथ को काम दे।
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