India News (इंडिया न्यूज), Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार (23 जुलाई) को संसद में केंद्रीय बजट 2024-25 को पेश किया। जिसमें सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर महिलाओं और किसानों के लिए बड़े ऐलान किए गए हैं। वहीं विपक्ष कह रहा है कि बजट में कोई खास ऐलान नहीं किया गया है। जिसको लेकर विपक्षी नेताओं का बयान सामने आया है।

बिहार को मिला ‘झुनझुना’- राबड़ी देवी

पूर्व मुख्यमंत्री और राजद नेता राबड़ी देवी ने कहा कि राज्य में हत्याएं और चोरियां हो रही हैं। मजदूरों को उनकी मजदूरी नहीं मिल रही है। युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है और किसानों की समस्याएं बरकरार हैं। बिहार को आवंटित 26000 करोड़ रुपये ‘झुनझुना’ है। वहीं राजद से राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा किसी भी तरह से मिलेगा। भले ही इसके लिए सरकार को उखाड़ फेंकना पड़े, सिर्फ आंध्र प्रदेश और बिहार का नाम लेने से जमीनी हकीकत नहीं बदलेगी। बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि हमें विशेष पैकेज नहीं मिला। यह बिहार के साथ अन्याय है। हमें कोई विशेष दर्जा या विशेष पैकेज नहीं मिला। बजट में आगामी 10 वर्षों के लिए घोषणाएं की गई हैं, ताकि नीतीश कुमार सरकार का समर्थन करते रहें।

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कांग्रेस ने उठाये सवाल

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि यह एक निराशाजनक बजट है। मैंने आम आदमी के सामने आने वाले मुख्य मुद्दों के बारे में कुछ नहीं सुना। मनरेगा का कोई उल्लेख नहीं है और आम आदमी की आय में सुधार के लिए उठाए गए कदमों का अपर्याप्त उल्लेख है। हमने आय असमानता को दूर करने के लिए सरकार की ओर से बहुत कम देखा है। रोजगार सृजन पर एक सांकेतिक इशारा किया गया था। उन्होंने आगे कहा कि मैं केवल एक प्रावधान का स्वागत करता हूँ जो एंजल निवेशकों पर कर को समाप्त करना है। मैंने 5 साल से अधिक समय पहले अरुण जेटली से इसकी सिफारिश की थी। वहीं कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि एक कहावत है कुत्ते की पूंछ हिलती है। यही इस बजट का राजनीतिक संदेश है। इस बजट में गठबंधन की मजबूरी साफ झलक रही है।

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किसान नेता ने उठाए सवाल

किसान नेता राकेश टिकैत कहा कि, केंद्र को यह बजट कागजों पर अच्छा लग सकता है। लेकिन इससे जमीनी स्तर पर किसानों को कोई फायदा नहीं होने वाला है। किसानों को जैविक खेती सिखाने वाली कंपनियों को इसका फायदा मिलने वाला है। सरकार को फसलों की कीमत चुकानी चाहिए, मुफ्त बिजली, सस्ती खाद देनी चाहिए, खेती के उपकरणों पर जीएसटी कम करना चाहिए। शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि मुझे लगता है कि इस बजट को ‘पीएम सरकार बचाओ योजना’ कहा जाना चाहिए क्योंकि उन्हें एहसास हो गया है कि अगर उन्हें अगले 5 वर्षों के लिए इस सरकार को बचाना है, तो उन्हें अपने गठबंधन सहयोगियों की खुशी की जरूरत होगी। बिहार और आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा देने से इनकार करने के बाद, उन्होंने उन्हें धन दिया है। महाराष्ट्र को केंद्र द्वारा लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है।

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