यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन के चेयरपर्सन ने मीडिया से बात करते हुए बड़ा बयान दिया। उनका कहनाा कि प्रतिष्ठित विदेशी विश्वविद्यालयों के कैंपस अगले दो वर्षों में भारत में खुल सकते हैं. ये बात उन्होंने इस कदम के लिए मसौदा नियमों को मंजूरी मिलने के एक दिन बाद कहा.
दरअसल एम जगदीश कुमार ने कहा, “हम नए नियमों के बारे में अधिक जागरूकता फैलाने की कोशिश कर रहे हैं. हम विदेशों के 55 राजदूतों को पत्र लिख रहे हैं, जो नई दिल्ली में हैं. ये वो ही देश हैं, जहां ये शीर्ष विश्वविद्यालय स्थित हैं. साथ ही हम विश्वविद्यालयों से भी संपर्क साध रहे हैं. अप्लाई करने के लिए ऑनलाइन प्रोसेस है और फिर हम उन्हें आशय पत्र देंगे. हम उम्मीद कर सकते हैं कि उनके आदेश देने के दो साल बाद वो भारत में अपने कैंपस का निर्माण करेंगे. साथ ही पढ़ाई भी शुरू कराएंगे. अगले दो सालों में यूजीसी की ओर से काफी गतिविधियां होने वाली हैं.”
यह पूछे जाने पर कि क्या वे ये उम्मीद करते हैं कि अगले दो साल में विदेशी विश्वविद्यालयों के कैपस भारत में खुल जाएंगे तो उन्होंने कहा कि उम्मीद तो है. ऐसा होना चाहिए. एम जगदीश कुमार ने यह भी कहा कि नियमों को संस्थानों की स्वायत्तता के संरक्षण के साथ-साथ भारत के राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए तैयार किया गया है. उन्होंने कहा कि मजबूत मतभेद की स्थिति में ये संस्थाएं अदालत जा सकती हैं.
यूजीसी चीफ ने आश्वस्त किया कि सरकारी निकाय फीस निर्धारित नहीं करेगा, लेकिन कहा कि विश्वविद्यालयों को “यथार्थवादी” होने की आवश्यकता होगी. उन्होंने कहा कि इन विदेशी विश्वविद्यालयों की भारतीय शाखाओं की रैंकिंग वही होगी, जो इन संस्थानों की वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय रैंक है.
Get Current Updates on News India, India News, News India sports, News India Health along with News India Entertainment, India Lok Sabha Election and Headlines from India and around the world.