इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Captain Amarinder Singh new political party: पंजाब सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद कैप्टन कांग्रेस के खिलाफ खड़े हो गए हैं। वहीं इस्तीफा देने के बाद कैप्टन ने साफ कर दिया था कि वह राजनीति में वापसी करेंगे। ऐसे में पंजाब की राजनीति के धुरंधर कैप्टन अमरिंदर सिंह पर सभी की निगाहें टिकी हुई है।
इस बीच सस्पेंस समाप्त करते हुए कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बड़ी घोषणा कर दी है। पूर्व सीएम ने अपने अगले राजनीतिक कदम का खुलासा कर दिया है। जिससे पंजाब की राजनीति में खलबली मच गई है। पूर्व सीएम के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने ट्वीट कर यह जानकारी दी। जिसमें अमरिंदर ने कहा कि वह अपनी राजनीतिक पार्टी बनाएंगे। Captain Amarinder Singh new political party
पूर्व सीएम ने बताया कि वह खुद की राजनीतिक पार्टी बनाएंगे। वह विधानसभा चुनावों में भाजपा, अकाली दल और अन्य कई पार्टियों से समझौता कर सकते हैं। पूर्व सीएम ने कहा कि वह किसानों के मुद्दों को गंभीरता से उठाएंगे। तीन कृषि कानूनों पर बात करते हुए पूर्व सीएम ने कहा कि तीन कृषि कानूनों को लेकर चल रहा किसानों को संघर्ष जल्द किसी नतीजे पर पहुंच सकता है। सरकार और किसान प्रतिनिधियों में लगातार बात चल रही है। कैप्टन के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने ट्वीट के माध्यम से कहा कि भाजपा से गठबंधन होने पर कृषि कानूनों को सही समाधान निकलेगा। Captain Amarinder Singh new political party
पूर्व सीएम ने कहा कि आने वाले चुनावों में वह पूरे जोश के साथ उतरेंगे। वहीं उन्होंने यह भी कहा कि वह अकाली दल, भाजपा, ढींडसा और ब्रह्मपुरा गुट के साथ गठबंधन कर सकते हैं। वहीं उन्होंने कहा कि पंजाब की भलाई के लिए वह किसी भी भाजपा से भी हाथ मिलाएंगे। कैप्टन ने कहा कि वह पंजाब और पंजाब के लोगों के साथ खड़े थे और हमेशा खड़े रहेंगे। Captain Amarinder Singh new political party
पूर्व सीएम ने कहा कि कांग्रेस आलाकमान ने उन्हें सीएम पद से बेदखल कर दिया था। उन्होंने कहा कि पार्टी ने उनके पिछले रिकॉर्ड को भी नहीं देखा कि कैसे उन्होंने पंजाब में कांग्रेस की सरकार बनाई। ऐसे समय में यह पहली बार है जब कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपनी बात जनता के सामने रखी है कि वह पंजाब के लोगों के लिए काम करने को हमेशा खड़े रहेंगे। Captain Amarinder Singh new political party
मुझे क्यों हटाया गया, यह तो हाईकमान ही बता सकता है। मैंने क्या नहीं किया पार्टी और पंजाब के लिए। चुनाव घोषणा पत्र में किये गये 90 फीसदी वादे पूरे किये। जो बचे हैं, उन पर काम चल रहा था। यह बात पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इंडिया न्यूज से हुई विशेष बातचीत में कही थी।
कैप्टन ने एक सवाल के जवाब में कहा था कि पीपीसीसी अध्यक्ष नवजोत सिद्धू डेंजरस मैन है। वह तब पाकिस्तानी जनरल से गले मिल रहा था। जब कश्मीर में हमारे सैनिक मारे जा रहे थे। मैं ऐसे व्यक्ति को माफ नहीं कर सकता। वह नाकाबिल व्यक्ति है। वह जहां से भी चुनाव लड़ेगा, उसको हराने के लिए उसके विरोध में खड़े प्रत्याशी की मदद करूंगा। मैं उस पर बात करके वक्त बरबाद नहीं करना चाहता हूं। जब वह बार-बार ट्वीट करके सरकार पर जबरन सवाल खड़े कर रहा था, तब मैंने सोनिया जी से कहा था, तब उन्होंने उसे डांटा तो ट्वीट कुछ दिन बंद रहे।
कैप्टन ने कहा था कि राजनीति में कभी कुछ स्थाई नहीं होता है। मैंने पांच बार इस्तीफे दिये हैं। बरनाला सरकार में कृषि मंत्री भी रहा हूं। अपने अगले कदम के बारे में बताने पर पूर्व सीएम ने कहा था कि अपने साथियों से चर्चा करके दो तीन सप्ताह में फैसला लूंगा कि क्या करूं, तब बताऊंगा। अभी मैं कुछ अधिक भविष्य के बारे में नहीं बता सकता हूं। उन्होंने कहा कि मैं अकेला नहीं हूं। व्यक्तिगत फैसला नहीं ले सकता हूं। 52 साल के सामाजिक व राजनीतिक जीवन में बहुत से दोस्त बने हैं। उन्होंने बहुत मदद की है, इसलिए उनसे विचार करने के बाद ही कोई कदम उठाऊंगा।
कैप्टन ने घटनाक्रम वाले दिन के बारे में बताया कि उस दिन सुबह मुझे करीब 10 बजे सोनिया गांधी का फोन आया था। मैं तब कहीं और था। मैंने जैसे ही मिस्ड कॉल देखी, उन्हें कॉल किया। मैंने उनसे कहा कि मैम सीएलपी की मीटिंग एआईसीसी ने बुलाई है, आप कहते तो हम बुला लेते। यह तो ठीक नहीं है, मैं इस्तीफा दे दूं।
उन्होंने कहा कि आप इस्तीफा दे दीजिए। मैंने उनसे कहा कि मैंने तो तभी आपसे कहा था, जब आपसे बात हुई थी कि अगर मेरी लीडरशिप में कोई समस्या है, तो मैं इस्तीफा दे देता हूं। बहरहाल, मैंने उन्हें धन्यवाद कह कर बात खत्म की और तुरंत इस्तीफा बनवाया। राज्यपाल से वक्त मांगा और दे दिया। मैंने कभी गांधी परिवार पर कोई टिप्पणी नहीं की।
यह कोई पहली बार नहीं है जब कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नई पार्टी बनाने की घोषणा की हो। इससे पहले भी वह एक राजनीतिक दल बना चुके हैं। 1991 में अकाली दल से अलग होने के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शिरोमणि अकाली दल (पंथिक) बनाई थी। पार्टी पंजाब में एक सिख- केंद्रित राजनीतिक दल थी। जनवरी 1992 में शिरोमणि अकाली दल (लोंगोवाल) में शिरोमणि अकाली दल ( पंथिक) का विलय हो गया था।
जिसके बाद कैप्टन ने फरवरी 1997 में शिअद (पंथिक) को फिर से शुरू किया गया। हालांकि, अमरिंदर सिंह की पार्टी 1997 के पंजाब विधानसभा चुनावों में एक भी सीट हासिल करने में नाकाम रही और उन्हें अपमानजनक हार का सामना करना पड़ा। दिलचस्प ये कि अमरिंदर सिंह खुद चुनाव हार गए. अगले वर्ष, उन्होंने शिरोमणि अकाली दल (पंथिक) का कांग्रेस में विलय कर दिया और अमरिंदर सिंह राजिंदर कौर भट्टल की जगह पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) के अध्यक्ष बने।
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