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चार्जिंग में लापरवाही या बैटरी में खराबी है इलेक्ट्रिक स्कूटरों में आग की वजह? Car ya Scooter main aag lag jai to kya karen

शॉर्ट सर्किट हो सकती है इलेक्ट्रिक स्कूटरों में आग लगने बड़ी वजह car ya scooter main aag lag jai to kya karen

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :

car ya scooter main aag lag jai to kya karen: देश में अलग-अलग जगह हाल ही में इलेक्ट्रिक स्कूटरों *(electric scooters) में लगी आग ने इलेक्ट्रिक व्हीकल (electric vehicle) की सेफ्टी को लेकर बड़ा सवाल पैदा कर दिया है। दरअसल इलेक्ट्रिक व्हीकल (Electric Vehicle Lithium-Ion Battery) लीथियम-आयन बैटरी (Lithium-Ion Battery) से चलते हैं और इन बैटरियां का इस्तेमाल मोबाइल, लैपटॉप, स्मार्टवॉच आदि में भी होता है। ये बैटरियां बहुत हल्की और ज्यादा इफेक्टिव तो हैं, लेकिन इनमें जोखिम भी बहुत ज्यादा है।

हालांकि जिस भी कंपनी के स्कूटरों में आग की घटनाएं सामने आई हैं उन कंपनियों में से कोई भी अभी इन बैटरियों में आग लगने की सटीक वजह नहीं बता पा रही है। मार्च के अंतिम सप्ताह में लगभग पांच दिन में कम से कम चार ऐसे मामले सामने आए जिनमें दोपहिया इलेक्ट्रिक व्हीकल में आग लगी है। ओला, ओकिनावा और प्योर ईवी जैसी कंपनियों के इलेक्ट्रिक स्कूटर इन वाहनों में शामिल हैं। हालांकि, ओकिनावा ईवी का कहना है कि इलेक्ट्रिक स्कूटरों में आग लगने की एक बड़ी वजह शॉर्ट सर्किट हो सकती है, जो वाहन को चार्जिंग में की गई लापरवाही का नतीजा हो सकता है। इसके अलावा विशेषज्ञों का मानना है कि मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट, बाहर से हुआ कोई डैमेज अथवा बैटरी लगाने में फॉल्ट आदि के चलते भी आग लगने का जोखिम रहता है।

आग लगने के कारण : तापमान बहुत ज्यादा, बैटरी पैक में कई सारी बैटरियां

लीथियम-आयन बैटरियां वैसे तो ज्यादा तापमान में भी बेहतर काम करती हैं, पर तापमान बहुत ज्यादा जैसे 90-100 डिग्री अगर हो जाता है तो इनमें आग लगने की संभावना बढ़ जाती है। इसी के साथ बैटरी पैक में बहुत सारी बैटरियां होती हैं और उन्हें काफी पास-पास लगाया जाता है। ऐसे में अगर किसी गड़बड़ के कारण एक बैटरी में भी शॉर्ट सर्किट हो जाए तो बाकी बैटरियों को भी आग लगने में ज्यादा टाइम नहीं लगता। इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) का बाजार दिन-ब-दिन बड़ा होता जा रहा है और इस तरह इलेक्ट्रिक स्कूटरों में आग की घटनाओं से लोगों की चिंता बढ़ना लाजिमी है।

बैटरी में खराबी व बैटरी की नाकामी, बहुत ज्यादा वाइब्रेशन

लिथियम-आयन बैटरी मुख्य रूप से दो अलग-अलग कारणों से नाकाम हो भी जाती हैं। पहला कारण यह है कि अगर बैटरी की मैन्युफेक्चरिंग में ही खराबी है। दूसरा कारण यह कई कारकों की वजह से बैटरी की नाकामी आम है। बैटरी में मैन्युफेक्चरिंग की खराबी की वजह से आग लग सकती है। दूसरी ओर, बहुत ज्यादा वाइब्रेशन, जो लिथियम-आयन बैटरी की हैंडलिंग क्षमता से परे है, आग लगने का जोखिम उत्पन्न कर सकती है।

बिजली के शॉर्ट होने से भी बैटरी में आग लग सकती है। इसके अलावा लिथियम-आयन और लिथियम-मेटल सेल फेल होने की स्थिति में थर्मल रनअवे से गुजरते हैं। ज्वलनशील गैस बाहर निकलने के साथ-साथ थर्मल रनअवे बैटरी सेल तापमान व दबाव में तेजी से इजाफा करता है। अक्सर बैटरी के उच्च तापमान से इन ज्वलनशील गैसों के असर के कारण आग की लौ निकलने लगती है, जो आखिरकार आग की वजह बनती है।

बड़ी मात्रा में सूक्ष्म धातु के कण एक जगह जमा होना

जब सूक्ष्म धातु के कणों की बड़ी मात्रा एक जगह पर जमा हो जाती है, तो इससे एक बड़ा इलेक्ट्रिक शॉर्ट हो सकता है, जिसकी वजह से पॉजिटिव और निगेटिव प्लेटों के बीच बड़े पैमाने पर बिजली दौड़ जाती है आज यह भी आग लगने का कारण हो सकता है। ऐसे में बैटरी के केस के अंदर का तापमान जल्द 500 डिग्री सेल्सियस तक भी पहुंच सकता है, जिसके कारण सेल में विस्फोट हो सकता है या आग लग सकती है।

लिथियम-आयन बैटरी में आग लगने की चेतावनी के संकेत

लिथियम-आयन बैटरी में आग लगने की स्थिति में कुछ संकेत महसूस हो सकते हैं। बैटरी बहुत ज्यादा गर्म हो सकती है या वह फूल सकती है। इसके साथ ही इसमें आग लगने का यह भी संकेत हो सकता है कि बैटरी का रंग फीका पड़ सकता है, जिससे नुकसान हो सकता है और धुंआ निकलना शुरू हो सकता है। इसके अलावा, बैटरी के अलग-अलग हिस्सों के संपर्क में आने वाले सूक्ष्म धातु कणों के कारण भी एक थर्मल रनअवे हो सकता है। इस वजह से शॉर्ट सर्किट हो सकता है। एक हल्के शॉर्ट सर्किट की स्थिति में, बैटरी में हाई सेल्फ-डिस्चार्ज होता है और थोड़ी गर्मी पैदा होती है क्योंकि डिस्चार्ज हुई एनर्जी बहुत कम होती है।

इलेक्ट्रिक वाहनों को आग से बचाने के आसान टिप्स

जब लिथियम-आयन बैटरी वाले इलेक्ट्रिक वाहनों में आग लगती है, तो उससे निपटना इतना आसान नहीं होता है, लेकिन आग के जोखिम को कम किया जा सकता है। जानिए आप आग का जोखिम कम करने के लिए क्या आसान टिप्स अपना सकते हैं।

वाहन को बहुत ज्यादा गर्म न होने दें, तेज धूप में न छोड़ें

इलेक्ट्रिक स्कूटरों में कई तरीकों से आप आग लगने के जोखिम को कम कर सकते हैं। हां, अगर वाहन में कोई मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट है तो ऐसे में आप कुछ नहीं कर सकते। आग लगने से बचने के लिए सबसे पहली बात जो ध्यान में रखनी चाहिए वह यह है कि गाड़ी को बहुत ज्यादा गर्म न होने दें। विशेषज्ञों का मानना है कि गर्मियों में वाहन को तेज धूप में देर तक नहीं छोड़ना चाहिए। अगर गाड़ी का एक्सीडेंट हो जाता है कि उसके बाद भी बैटरी में कोई नुकसान हो सकता है। ऐसे में एक्सिडेंट के बाद गाड़ी की बैटरी की जरूर जांच कर ली चाहिए। उसमें कोई फॉल्ट होगा तो जांच करने से पता चल जाएगा।

ईवी को चलाने के तुरंत बाद इसकी बैटरी न करें चार्ज

अगर इलेक्ट्रिक वाहन को कहीं से चलाकर आए हों तो उसके तुरंत बाद इसकी बैटरी को चार्ज न करें। इसका कारण यह है कि उस समय बैटरी के अंदर लिथियम-आयन सेल बहुत गर्म रहते हैं। बैटरी को ठंडा होने दें और उसके बाद ही इसे चार्ज करें। यदि यह एक डिटैचेबल यानी अलग करने योग्य बैटरी है तो वाहन से डिस्कनेक्ट करना व अलग से चार्ज करना सबसे सुरक्षित व अच्छा होगा।

वाहन के लिए डिजाइन की बैटरी ही इस्तेमाल करें

ईवी के लिए केवल उसी बैटरी का इस्तेमाल करें जिसे वाहन के लिए डिजाइन किया गया है। सस्ती व स्थानीय बैटरी का यूज करने से इलेक्ट्रिक वाहन को नुकसान भी हो सकता है। साथ ही, ईवी के साथ मिले चार्जिंग केबल का ही चार्जिंग के लिए इस्तेमाल करें।

बैटरियों को सीधी धूप या गर्म वाहन में ने रखें

बैटरियों को सीधी धूप में या गर्म व्हीकल्स में कभी न रखें। अगर बैटरी डिटैचेबल हो तो इन्हें सूखी व वेंटिलेशन वाली जगह पर रखें। पूरी तरह चार्ज होने पर बैटरियों को उनके चार्जर से हटा दें। रिप्लेसमेंट में मिलने वाली बैटरी व चार्जर वैसा ही होनी चाहिए जैसा पहले था। ये चीजें ओरिजिनल निर्माता या अधिकृत विक्रेता से ही लेनी चाहिए। गाड़ी में आग लग जाए तो क्या करें, बचाव और उपाय

बैटरियोंं के इस्तेमाल से पहले कर लें इनकी जांच

इलेक्ट्रिक वाहन में बैटिरियों का इस्तेमाल करने से इनकी जांच कर लें कि कहीं इन्हें कोई नुकसान तो नहीं पहुंचा है। अगर बैटरी में कोई डिफेक्ट दिखता है, तो इसका इस्तेमाल न करें। इसके डिफेक्ट की सूचना निर्माता को सूचना दे दें। अगर बैटरी बहुत ज्यादा गर्म लग रही हो और कोई इसमें क्षति दिखती है तो भी इसका इस्तेमाल करने से बचें।

हाल ही में ई-स्कूटरोें में आग लगने की घटनाएं

पहली घटना: 25 मार्च को तमिलनाडु के वेल्लोर जिले में आग लगने की घटना हुई, ओकीनावा कंपनी के ई-स्कूटर को रात में चार्जिंग के लिए छोड़ देने के बाद अचानक उसमें आग लग गई। इससे एक 45 वर्षीय व्यक्ति और उसकी 13 वर्षीय बेटी की दम घुटने से मौत हो गई। पुलिस ने शुरूआती जांच में आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट को बताया।
दूसरी घटना: 26 मार्च को पुणे में घटना हुई। ओला के एस1 प्रो इलेक्ट्रिक स्कूटर में अचानक आग लग गई, इसका वीडियो आनलाइन वायरल हुआ था। ओला र1 प्रो को कंपनी ने पिछले साल लॉन्च किया था।
तीसरी घटना: 28 मार्च को तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली जिले के मणप्पराई में हुई, जहां ओकीनावा के ई-स्कूटर में आग लगने की घटना सामने आई।
चौथी घटना: 30 मार्च को तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में हुई, जहां हैदराबाद के स्टार्टअप प्योर के लाल रंग के ई-स्कूटर में आग लगने की घटना सामने आई।
क्यों लगी ई-स्कूटरों में आग?

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Vir Singh

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