India News (इंडिया न्यूज), Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट आज गुरुवार, 22 अगस्त को सुबह 10:30 बजे कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक प्रशिक्षु डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के संबंध में याचिकाओं पर सुनवाई फिर से शुरू किया है। केंद्रीय जांच ब्यूरो भी मामले पर अपनी स्थिति रिपोर्ट पेश किया है। आज सुनवाई के दौरान CJI DY चंद्रचूड़ की ओर से तीखे सवाल किए गए हैं साथ ही डॉक्टर्स पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं’ करने का आश्वासन भी दिया है।

कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ हुए रेप और हत्या मामले में सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की है। सील कवर में दाखिल की गई इस रिपोर्ट में केंद्रीय एजेंसी ने अब तक की जांच के बारे में सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया है। आइए कुछ पांइट में समझे क्या सुप्रीम कोर्ट ने इस केस को लेकर क्या कहा है।

पॉइंट्स में समझे सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा

1- सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने डॉक्टरों से हड़ताल खत्म कर अपने काम पर लौट आएं।

2- हमने सामान्य रूप से काम करने की स्थितियों का उल्लेख किया है, हम सार्वजनिक अस्पतालों में गए हैं। मैं एक सार्वजनिक अस्पताल के फर्श पर सोया हूं जब कोई वहां नहीं होता, हम जानते हैं कि डॉक्टर 36 घंटे से अधिक काम करते हैं।

4- आरोपी की मेडिकल जांच रिपोर्ट…कहां है…? हमने 5वें दिन घटनास्थल पर प्रवेश किया और CBI जांच शुरू करना एक चुनौती है और अपराध स्थल को बदल दिया गया है। फिर माता-पिता को बताया गया कि यह आत्महत्या है, फिर मौत और फिर अस्पताल में डॉक्टर के दोस्तों ने वीडियोग्राफी पर जोर दिया और इस तरह उन्हें भी संदेह हुआ कि कुछ गड़बड़ है।

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5- सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में पोस्टमार्टम पर भी कई सवाल किए हैं। कोर्ट ने पोस्टमार्टम के बाद एफआईआर दर्ज करवाने पर हैरानी जताई

6- सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट को पुलिस जांच में हुई लापरवाही की जानकारी दी है। एजेंसी ने बताया है कि घटनास्थल को सुरक्षित नहीं किए जाने से जांच पर क्या प्रभाव पड़ा है।

7- सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट को उन लोगों का ब्यौरा भी दिया है, जिनसे संदेह के आधार पर पूछताछ की गई है।

8- इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में चल रही है। सीबीआई की स्टेटस रिपोर्ट के आधार पर सुप्रीम कोर्ट आगे की कार्रवाई करेगा।

9- सुप्रीम कोर्ट में पेश स्टेटस रिपोर्ट में सीबीआई ने कहा कि इस पूरे मामले को लेकर अस्पताल प्रशासन का रवैया उदासीन रहा है।

10- पीड़ित परिवार को घटना की जानकारी देरी से दी गई और सबसे पहले आत्महत्या की जानकारी दी गई। हत्या को आत्महत्या बताने की कोशिश संदेह पैदा करती है। घटना को छुपाने की काफी कोशिश की गई। कोर्ट ने यह भी कहा कि पुलिस डायरी और पोस्टमार्टम के समय में भी अंतर है। कोर्ट ने आरोपियों की मेडिकल जांच पर भी सवाल उठाए गए हैं।

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