इंडिया न्यूज, नई दिल्ली
केंद्रीय जांच ब्यूरो ने पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा में 3 और प्राथमिकी (FIR) दर्ज की हैं। इस तरह अब तक कुल 31 एफआरआई दर्ज हो चुकी हैं। ये FIR नंदीग्राम के पूरब मेदिनीपुर और सितालकुची इलाके के कूच बेहर में दर्ज हुई हैं। गौरतलब है कि सीबीआई ने बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद हिंसा में हत्या, सामूहिक बलात्कार और हत्या के प्रयास की घटनाओं से संबंधित अब तक कई एफआईआर दर्ज की हैं। शुक्रवार यानी 28 अगस्त को सार्वजनिक की गई कुछ एफआईआर से पता चला है कि एक मामला तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) कार्यकर्ता की हत्या से संबंधित है, तीन बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्या और हत्या के प्रयास से संबंधित हैं, जबकि चार मामलों में पीड़ितों या आरोपियों के किसी भी पार्टी से जुड़ाव को उजागर नहीं किया गया है। इन FIR के अनुसार, पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा के दौरान कुछ पीड़ितों की हत्या कर दी गई। भीड़ द्वारा उन पर हमला किया गया और गेंगरेप किया गया।
सीबीआई ने अब तक बांकुड़ा, नदिया, कोलकाता, कूचबिहार, उत्तरी 24 परगना, मुर्शिदाबाद सहित अन्य स्थानों से अपराध के मामले दर्ज किए हैं। प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि हत्या के एक मामले में, पीड़ित परिवार की महिलाओं का भीड़ ने यौन उत्पीड़न किया था। प्राथमिकियों में दो मई से 14 जून 2021 के बीच दर्ज किए गए अपराधों का विवरण है। प्राथमिकी में आरोप लगाया गया कि चार मई को टीएमसी समर्थक साहिनूर अहमद और प्रसेनजीत खाना खा रहे थे, तभी भाजपा के चार समर्थक उनके साथ शामिल हो गए। भोजन के बाद अहमद और प्रोसेनजीत पर हमला किया गया, जिससे उन्हें गंभीर चोटें आईं। उन्हें घसीटकर पास के मक्का के खेत में ले जाया गया और वहीं छोड़ दिया गया। घटना में प्रोसेनजीत बच गया, अहमद की मृत्यु हो गई.सीबीआई ने कलकत्ता उच्च न्यायालय की पांच न्यायाधीशों की पीठ के निर्देंशो के अनुसार मामलों को अपने हाथ में ले लिया है। अदालत ने एजेंसी को पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद की हिंसा के दौरान कथित हत्या और बलात्कार की घटनाओं की जांच का काम सौंपा था।