पेगासस जासूसी कांड केस
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
पेगासस जासूसी कांड मामले पर सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई। इसमें केंद्र सरकार ने पेगासस सॉफ्टवेयर से कथित जासूसी मामले में सर्वोच्च न्यायालय में हलफनामा दायर करने से इंकार कर दिया है। केंद्र सरकार इससे पहले दो बार अदालत में हलफनामा दायर करने के लिए समय दिए जाने की मांग कर चुकी थी। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा कि वह इस मामले में स्वतंत्र जांच की मांग करने वाली याचिकाओं पर विस्तृत हलफनामा दाखिल नहीं करना चाहती है। केंद्र ने कहा कि इसको लेकर हम निष्पक्ष लोगों की एक कमेटी बना सकते हैं, जिसमें सरकार के लोग शामिल नहीं। केंद्र के वकील ने अदालत में कहा कि केंद्र सरकार का स्टैंड यह है कि किसी विशेष सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया गया था या नहीं, यह किसी हलफनामे या अदालत या सार्वजनिक प्रवचन में बहस का विषय नहीं हो सकता है। इस पर नाराजगी जताते हुए कोर्ट ने कहा कि हमने हलफनामा दायर करने के लिए कई मौके दिए। अब इस पर आदेश देने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। सुप्रीम कोर्ट ने सात सितंबर को दूसरा हलफनामा दाखिल करने के लिए केंद्र सरकार को और समय दिया था। प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने याचिकाओं पर और जवाब दाखिल करने का फैसला करने के लिए केंद्र सरकार को और समय दिया था। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सरकार की ओर से कोर्ट में दलील दी। उन्होंने कहा कि जासूसी के लिए किसी खास सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया गया या नहीं, यह पब्लिक डोमेन का मामला है ही नहीं। स्वतंत्र डोमेन एक्सपर्ट्स की कमेटी से इसकी जांच कराई जा सकती है और रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर दी जाएगी। इससे पहले केंद्र सरकार ने शीर्ष अदालत में सीमित हलफनामा दाखिल कर कहा था कि पेगासस जासूसी के आरोपों की स्वतंत्र जांच की मांग संबंधी याचिकाएं अनुमानों या निराधार मीडिया रिपोर्ट या अधूरी या अपुष्ट सामग्री पर आधारित हैं।