India News (इंडिया न्यूज़), Wheat And Rice Prices, दिल्ली: देश में इन दिनों गेहूं और चावल की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है, चावली की कीमतें काबू में रहे इसके लिए सबसे पहले केंद्र सरकार की तरफ से चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया गया। कीमतें को देखते हुए अब केंद्र सरकार फिर से नया फैसला लेने वाली है। केंद्रीय खाद्य मंत्रालय की तरफ से यह जानकारी दी गई।
- लगातार बढ़ रही महंगाई
- चावल का निर्यात बंद
- ई-नीलामी की जाएगी
जानकारी के अनुसार, चरणबद्ध तरीके से बिक्री के लिए 50 लाख मीट्रिक टन गेहूं और 25 लाख मीट्रिक टन चावल खुले बाजार में उतारा जाएगा। सरकार ई-नीलामी के माध्यम से खुली बाजार बिक्री योजना (OMSS) के तहत गेहूं और चावल बाजार में उतारेगी।
चरणबद्ध तरीके से बिक्री
खाद्य मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि भारतीय खाद्य निगम (FCI) ई-नीलामी के माध्यम से बिक्री के लिए ओएमएसएस-डी के तहत चरणबद्ध तरीके से 50 लाख मीट्रिक टन गेहूं और 25 लाख मीट्रिक टन चावल खुले बाजार में उतारेग। एफसीआई द्वारा चावल के लिए पिछले 5 ई-नीलामी के अनुभव को ध्यान में रखते हुए, आरक्षित मूल्य 200 रुपये प्रति क्विंटल कम किया जाएगा और प्रभावी मूल्य अब 2900 रुपये प्रति क्विंटल होगा। पहले चावल का आरक्षित मूल्य 3100 रुपये प्रति क्विंटल था।
महंगाई में हुई बढ़ोतरी
उपभोक्ता मामलों के विभाग की वेबसाइट के अनुसार, गेहूं की अखिल भारतीय दैनिक औसत खुदरा कीमत में पिछले साल के मुकाबले 6.12 प्रतिशत और थोक कीमत में 7.53 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इसी तर्ज पर चावल की अखिल भारतीय दैनिक खुदरा कीमत में 12.82 प्रतिशत और थोक कीमत 12.79 प्रतिशत तक बढ़ गई है। अगले साल देश में लोकसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में सरकार पहले ही महंगाई को लेकर पूरी तरह से अलर्ट है और समय रहते इसे रोकने के लिए कदम उठा रही है।
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