India News(इंडिया न्यूज),Farmers Protest: न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और अन्य मांगों को लेकर पिछले कई दिनों से आंदोलन कर रहे किसानों से केंद्र सरकार हर संभव बातचीत के लिए तैयार है। वह किसानों के हित में इस मुद्दे का शांतिपूर्ण समाधान चाहती हैं। अब तक चार दौर की बातचीत के बावजूद आंदोलन पर अड़े किसानों को केंद्र ने पांचवें दौर की बातचीत के लिए आमंत्रित किया है और शांति बनाए रखने की अपील भी की है।

केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने क्या कहा?

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने बुधवार को कहा कि सरकार एमएसपी की मांग, फसल विविधीकरण, पराली और पिछले आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज एफआईआर को हटाने जैसे मुद्दों पर बातचीत के लिए तैयार है। इसके बाद केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी कहा कि सरकार किसानों से बात करने के लिए पहले भी तैयार थी और आज भी तैयार है और आगे भी उनके मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार रहेगी। वह हमारा भाई है।

कृषि मंत्री मुंडा ने किसानों से ऐसे समय में अपील की है जब हरियाणा-पंजाब सीमा पर शंभू और खनौरी बॉर्डर पर स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। सरकार के अनुरोध को नजरअंदाज करते हुए आंदोलनकारी किसान जेसीबी मशीनों और ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के साथ दिल्ली की ओर मार्च करने की कोशिश कर रहे हैं। कृषि मंत्री ने प्रदर्शनकारी किसानों से शांति बनाए रखने और समाधान निकालने के लिए बातचीत में शामिल होने की अपील की है।

किसानों से ही पूछें समाधान

उन्होंने किसानों से ही समाधान के लिए सुझाव मांगे हैं ताकि सर्वसम्मत समाधान निकाला जा सके। मुंडा ने कहा कि किसान पूरे देश में हैं। नीति बनाते समय पूरे देश के किसानों के हित को ध्यान में रखना जरूरी है। हम आने वाले दिनों में उनकी चिंताओं को दूर करने की दिशा में काम करेंगे। उन्होंने कहा कि किसानों की मांगों का समाधान बातचीत से निकाला जा सकता है।

सरकार आय दोगुनी करने के लिए प्रतिबद्ध

वहीं केंद्रीय मंत्री अनुराग ने कहा कि सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में कई कदम उठाए हैं। ठाकुर ने किसानों की आय दोगुनी करने और कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में उच्च विकास हासिल करने के लिए मोदी सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले 10 वर्षों में गेहूं, धान, तिलहन और दालों की खरीद पर 18।39 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं, जबकि यूपीए शासन ने 5।50 लाख करोड़ रुपये खर्च किए थे। सरकार ने एमएसपी दोगुना कर दिया है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने पीएम-किसान योजना के तहत करीब 12 करोड़ किसानों को 2।81 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया है। हालांकि, पिछले दौर की बातचीत में केंद्र सरकार ने सुलह की कोशिश करते हुए अगले पांच साल तक तीन फसलों की एमएसपी पर खरीद की गारंटी दी थी और किसानों से आंदोलन खत्म करने का आग्रह किया था। सरकार के इस प्रस्ताव पर किसानों ने उस दिन सुलह के संकेत दिए थे, लेकिन एक दिन बाद ही उन्होंने अपना फैसला पलट दिया। इसके बाद से पंजाब और हरियाणा सीमा पर माहौल लगातार तनावपूर्ण बना हुआ है।

पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर जुटे किसान

किसानों का दिल्ली मार्च 13 फरवरी को शुरू हुआ था। इसके बाद से किसान पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर डटे हुए हैं। 18 फरवरी को चंडीगढ़ में किसान नेताओं के साथ चौथे दौर की बातचीत में तीन केंद्रीय मंत्रियों अर्जुन मुंडा, पीयूष गोयल और नित्यानंद राय की टीम ने अगले पांच दिनों तक सरकारी एजेंसियों द्वारा एमएसपी पर दाल, मक्का और कपास की 100 फीसदी खरीद का प्रस्ताव दिया था। साल। लेकिन किसान नेताओं ने इसे स्वीकार नहीं किया।

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