इंडिया नयूज, नई दिल्ली, (Centre-State Science Conclave): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि विज्ञान सभी क्षेत्रों में विकास को रफ्तार देगा। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी के नए भारत के विकास के लिए विज्ञान का विस्तार होना बहुत जरूरी है और यही सभी सेक्टर में विकात को गति देने में अहम रोल अदा करेगा। पीएम ने शनिवार को केंद्र-राज्य विज्ञान सम्मेलन के उद्घाटन के बाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं। गुजरात के अहमदाबाद स्थित साइंस सिटी में कान्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है। यह दो दिन तक चलेगा।
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कार्यक्रम में मोदी ने कहा कि केंद्र-राज्य विज्ञान सम्मेलन देश में उद्यमिता और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए अपनी तरह का पहला कान्क्लेव है और यह केंद्र-राज्य समन्वय वह सहयोग तंत्र को मजबूत करेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब ज्ञान व विज्ञान से हमारा मेल होता है तो दुनिया के सभी संकटों से मुक्ति का रास्ता खुद-ब-खुद खुल जाता है। उन्होंने कहा, नवाचार और समाधान का आधार विज्ञान ही है और इसी प्रेरणा से आज का नया भारत, जय जवान, जय किसान व जय विज्ञान के साथ ही जय अनुसंधान का आह्वान करते हुए लगातार आगे बढ़ रहा है।
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पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि इस अमृतकाल में भारत को नवाचार और अनुसंधान का वैश्विक केंद्र बनाना है। उन्होंने कहा कि हर राज्य को दूसरे राज्यों से सर्वोत्तम प्रथाओं का अनुसरण करना चाहिए। प्रथाएं चाहे विज्ञान से संबंधित हों अथवा कुछ और। पीएम ने कहा, यह देश में विज्ञान आधारित विकास कार्यक्रमों का समय से और प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने की दिशा में एक बेहतर कदम होगा।
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उन्होंने कहा, कि पश्चिम में नील्स बोर, टेस्ला, आइंसटाइन, फेरमी और मैक्स प्लांक जैसे वैज्ञानिक अपने प्रयोगों से विश्व को चौंका रहे थे। उसी दौर में भारत के जगदीश चंद्र बोस, सीवी रमन, एस चंद्रशेखर, सत्येंद्रनाथ बोस, व मेघनाद साहा सहित कई वैज्ञानिक अपनी नई-नई खोज सामने ला रहे थे। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल के अलावा कार्यक्रम में शनिवार को केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (एस एंड टी), विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री व केंद्र शासित प्रदेशों और राज्यों के सचिव, उद्योग जगत की हस्तियां, उद्यमी व गैर सरकारी संगठन के लोग और युवा वैज्ञानिक एवं छात्र शामिल हुए।
केंद्र-राज्य विज्ञान सम्मेलन का मैन मकसद सहकारी संघवाद के उत्साह से राज्य व केंद्र सरकार के बीच सहयोग और समन्वय तंत्र को मजबूत करना है। यह सम्मेलन पूरे देश में प्रौद्योगिकी, विज्ञान और नवाचार (एसटीआई) के एक सशक्त इको-सिस्टम का निर्माण करेगा। इसमें एसटीआई विजन 2047 व राज्यों में एसटीआई के लिए भविष्य के विकास का मार्ग और विजन रखा जाएगा।
इसके अलावा स्वास्थ्य के क्षेत्र में सभी के लिए डिजिटल स्वास्थ्य देखभाल व अगले आठ साल यानी वर्ष 2030 तक अनुसंधान एवं विकास में निजी क्षेत्र के निवेश को दोगुना करने पर बातचीत की जाएगी। कुषि के मामले में किसानों की आमदनी में सुधार के लिए तकनीकी हस्तक्षेप पर चर्चा की जाएगी। वहीं सम्मेलन के दौरान पानी के मामले में पीने योग्य पेयजल के उत्पादन के लिए नवाचार पर बातचीत होगी।
ऊर्जा के क्षेत्र में हाइड्रोजन मिशन में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की भूमिका के अलावा सभी के लिए स्वच्छ ऊर्जा पर चर्चा की जाएगी। इसके अलावा डीप ओशन मिशन व तटीय केंद्र शासित प्रदेशों व राज्यों के साथ-साथ देश की भविष्य की अर्थव्यवस्था के लिए इसकी प्रासंगिकता पर सम्मेलन में बातचीत की जाएगी।
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